You Must Grow
India Must Grow

NATIONAL THOUGHTS

A Web Portal Of Positive Journalism 

आज की कहानी–गजराज और मूषकराज

Share This Post

स्पेशल स्टोरी:प्राचीन काल में एक नदी के किनारे बसा नगर व्यापार का केन्द्र था। फिर आए उस नगर के बुरे दिन, जब एक वर्ष भारी वर्षा हुई।  नदी ने अपना रास्ता बदल दिया। लोगों के लिए पीने का पानी न रहा और देखते ही देखते नगर वीरान हो गया अब वह जगह केवल चूहों के लायक रह गई। चारों ओर चूहे ही चूहे नजर आने लगे।

पानी ना होने के कारण जंगल में हाथियों की भी दुर्दशा हो गई : चूहों का पूरा साम्राज्य ही स्थापित हो गया। चूहों के उस साम्राज्य का राजा बना मूषकराज चूहा। चूहों का भाग्य देखो, उनके बसने के बाद नगर के बाहर जमीन से एक पानी का स्त्रोत फूट पड़ा और वह एक बड़ा जलाशय बन गया। नगर से कुछ ही दूर एक घना जंगल था। जंगल में अनगिनत हाथी रहते थे। उनका राजा गजराज नामक एक विशाल हाथी था। उस जंगल क्षेत्र में भयानक सूखा पड़ा। जीव-जन्तु पानी की तलाश में इधर-उधर मारे-मारे फिरने लगे। भारी भरकम शरीर वाले हाथियों की तो दुर्दशा हो गई।

गजराज के मित्र चील ने आकर खबर दी कि खंडहर बने नगर के दूसरी ओर एक जलाशय : हाथियों के बच्चे प्यास से व्याकुल होकर चिल्लाने व दम तोड़ने लगे। गजराज खुद सूखे की समस्या से चिंतित था और हाथियों का कष्ट जानता था। एक दिन गजराज की मित्र चील ने आकर खबर दी कि खंडहर बने नगर के दूसरी ओर एक जलाशय हैं। गजराज ने सबको तुरंत उस जलाशय की ओर चलने का आदेश दिया। सैकड़ों हाथी प्यास बुझाने ड़ोलते हुए चल पड़े। जलाशय तक पहुंचने के लिए उन्हें खंडहर बने नगर के बीच से गुजरना पड़ा।

अब क्या था सभी हाथी चूहों के ऊपर से उन्हें रौंदते हुए जाते और आते : हाथियों के हजारों पैर चूहों को रौंदते हुए निकल गए। हजारों चूहे मारे गए। खंडहर नगर की सड़कें चूहों के खून-मांस के कीचड़ से लथपथ हो गई। मुसीबत यहीं खत्म नहीं हुई। हाथियों का दल फिर उसी रास्ते से लौटा। हाथी रोज उसी मार्ग से पानी पीने जाने लगे। काफी सोचने-विचारने के बाद मूषकराज के मंत्रियों ने कहा महाराज, आपको ही जाकर गजराज से बात करनी चाहिए। वह दयालु हाथी हैं। मूषकराज हाथियों के वन में गया। एक बड़े पेड़ के नीचे गजराज खड़ा था।

मूषकराज ने गजराज को अपनी समस्या बताई : मूषकराज उसके सामने के बड़े पत्थर के ऊपर चढा और गजराज को नमस्कार करके बोला गजराज को मूषकराज का नमस्कार। हे महान हाथी, मैं एक निवेदन करना चाहता हूं। मूषकराज बोला “हे गजराज, मुझे चूहा कहते हैं।  हम बड़ी संख्या में खंडहर बनी नगरी में रहते हैं। मैं उनका मूषकराज हूं। आपके हाथी रोज जलाशय तक जाने के लिए नगरी के बीच से गुजरते हैं। हर बार उनके पैरों तले कुचले जाकर हजारों चूहे मरते हैं। यह मूषक संहार बंद न हुआ तो हम नष्ट हो जाएंगे।

गजराज ने सोचा कि यह नन्हा जीव हमारे किसी काम क्या आएगा : गजराज ने दुख भरे स्वर में कहा मूषकराज, आपकी बात सुन मुझे बहुत शोक हुआ। हमें ज्ञान ही नहीं था कि हम इतना अनर्थ कर रहे हैं। हम नया रास्ता ढूंढ लेंगे। मूषकराज कॄतज्ञता भरे स्वर में बोला “गजराज, आपने मुझ जैसे छोटे जीव की बात ध्यान से सुनी। आपका धन्यवाद। गजराज, कभी हमारी जरुरत पड़े तो याद जरुर कीजिएगा। गजराज ने सोचा कि यह नन्हा जीव हमारे किसी काम क्या आएगा। सो उसने केवल मुस्कुराकर मूषकराज को विदा किया।

पड़ौसी देश के राजा ने सेना को मजबूत बनाने के लिए उसमें हाथी शामिल करने का निर्णय लिया : कुछ दिन बाद पड़ौसी देश के राजा ने सेना को मजबूत बनाने के लिए उसमें हाथी शामिल करने का निर्णय लिया। राजा के लोग हाथी पकड़ने आए। जंगल में आकर वे चुपचाप कई प्रकार के जाल बिछाकर चले जाते हैं। सैकड़ों हाथी पकड़ लिए गए। एक रात हाथियों के पकड़े जाने से चिंतित गजराज जंगल में घूम रहे थे कि उनका पैर सूखी पत्तियों के नीचे छल से दबाकर रखे रस्सी के फंदे में फंस जाता हैं। जैसे ही गजराज ने पैर आगे बढाया रस्सा कस गया। रस्से का दूसरा सिरा एक पेड़ के मोटे तने से मजबूती से बंधा था। गजराज चिंघाड़ने लगा। उसने अपने सेवकों को पुकारा, लेकिन कोई नहीं आया।

मूषक राज ने गजराज को फंदे की रस्सी काटकर आजाद कर दिया : कौन फंदे में फंसे हाथी के निकट आएगा? एक युवा जंगली भैंसा गजराज का बहुत आदर करता था। मैं आपको छुड़ाने के लिए अपनी जान भी दे सकता हूं। गजराज बोले बेटा, तुम बस दौड़कर खंडहर नगरी जाओ और चूहों के राजा मूषकराजा को सारा हाल बताना।  भैंसा अपनी पूरी शक्ति से दौड़ा-दौड़ा मूषकराज के पास गया और सारी बात बताई। मूषकराज तुरंत अपने बीस-तीस सैनिकों के साथ भैंसे की पीठ पर बैठा और वो शीघ्र ही गजराज के पास पहुंचे। चूहे भैंसे की पीठ पर से कूदकर फंदे की रस्सी कुतरने लगे। कुछ ही देर में फंदे की रस्सी कट गई व गजराज आजाद हो गए।

सीख- आपसी सदभाव व प्रेम सदा एक दूसरे के कष्टों को हर लेते हैं।

ऐसी ही प्रेरणादायक कहानियों को पढ़ने के लिए www.nationalthoughts.com पर क्लिक करें | इसके साथ ही देश और दुनिया से जुड़ी अहम जानकारियों को जानने के लिए हमारे यूट्यूब चैनल https://www.youtube.com/channel/UCclj-Ee7TlNpjuFv78HaiWA  को SUBSCRIBE करें और हमेशा अपडेट रहने के लिए हमें FACEBOOK पर  FOLLOW   https://www.facebook.com/nationalthought/ करें |

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *