विमानन मंत्री के राम मोहन नायडू ने सोमवार को कहा कि नागरिक विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के ऑडिट से यह संकेत मिला है कि सुरक्षा जोखिमों में मानवीय कारक भी अहम भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने बताया कि मानवीय भूलों के कारण हवाई दुर्घटनाओं में 10% की वृद्धि दर्ज की गई है।
नायडू ने दिल्ली में आयोजित पहली राष्ट्रीय सुरक्षा संगोष्ठी में कहा कि वैश्विक स्तर पर 80% विमानन दुर्घटनाएं मानवीय भूलों के कारण होती हैं। हालांकि, पिछले वर्षों में कुल दुर्घटनाओं की संख्या में कमी आई है, लेकिन मानवीय कारकों से संबंधित घटनाओं में वृद्धि एक चिंताजनक संकेत है।
नायडू ने बताया कि विमान दुर्घटना ब्यूरो (एएआईबी) द्वारा जांच की गई 91 दुर्घटनाओं में से कई घटनाएं मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का पालन न करने की वजह से हुई हैं। उन्होंने सभी विमानन हितधारकों से अपील की कि वे अपने कार्यबल को लगातार कौशल-विकास, पुनः कौशल और उन्नत स्किलिंग पर ध्यान दें ताकि सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा सके।
मंत्री नायडू ने विमानन पेशेवरों, विशेषकर पायलटों और हवाई यातायात नियंत्रकों के प्रशिक्षण कार्यक्रमों में उन्नत मनोवैज्ञानिक अनुसंधान को शामिल करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कृत्रिम बुद्धिमत्ता, मशीन लर्निंग और डेटा एनालिटिक्स जैसी आधुनिक तकनीकों के उपयोग से पायलटों के व्यवहार और प्रदर्शन में सुधार का सुझाव दिया।
नायडू ने विमानन उद्योग में काम करने वाले पेशेवरों के लिए मजबूत तनाव प्रबंधन कार्यक्रम लाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि विमानन उद्योग में काम करने वाले सभी कर्मियों के लिए तनाव-मुक्त वातावरण तैयार करना आवश्यक है ताकि सुरक्षा पर अधिक ध्यान केंद्रित किया जा सके।