केरल के वायनाड में तेज बारिश के बाद भूस्खलन की घटना में अब तक 173 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। माना जा रहा है कि मरने वालों की संख्या 256 तक पहुंच सकती है। सोमवार को वायनाड में प्रकृति ने कहर बरपाया था। भूस्खलन के कारण नदी का बहाव और दिशा भी बदल गई है। किनारों पर मौजूद सभी चीजें पानी में डूब चुकी हैं, जिससे किनारे का पूरा इलाका जलमग्न हो गया है।
केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने जानकारी दी कि सेना ने करीब 1,000 लोगों को बचाया है और 220 लोग अभी भी लापता हैं। बचाव अभियान तीसरे दिन भी जारी है। भारी बारिश के बाद मंगलवार को वायनाड में भूस्खलन की तीन घटनाएं हुईं, जिनका सबसे अधिक असर मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा गांवों में देखने को मिला है। न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) प्रयासों के समन्वय के लिए सेना द्वारा कोझिकोड में एक कमांड और नियंत्रण केंद्र स्थापित किया गया है। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया, “बचाव अभियान के लिए कम से कम 1,500 सैन्यकर्मियों को तैनात किया गया है। हमने फोरेंसिक सर्जनों को भी तैनात किया है।”
जिला प्रशासन के अनुसार, मृतकों में से 100 की शिनाख्त हो गई है। एक बयान में कहा गया कि तीसरे दिन भी बचाव अभियान जारी है और सेना, नौसेना तथा तट रक्षक दल अट्टामाला, मुंडक्कई और चूरलमाला में सघन तलाश अभियान चला रहे हैं। प्रत्येक टीम के साथ एक श्वान दल भी तैनात किया गया है। वायनाड के भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में बचाव अभियान तेज करने के प्रयास में मुंडक्कई और चूरलमाला के सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों को जोड़ने के लिए 190 फुट लंबा ‘बेली ब्रिज’ बनाया जा रहा है। चौबीस टन भार क्षमता वाले इस पुल का निर्माण बृहस्पतिवार शाम तक पूरा होने की उम्मीद है।