राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के 146वें पाठ्यक्रम का दीक्षांत समारोह 23 मई, 2024 को पुणे स्थित एनडीए के हबीबुल्लाह हॉल में आयोजित किया गया। कुल 205 कैडेटों को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से प्रतिष्ठित स्नातक की डिग्री प्रदान की गई।
इस दीक्षांत कार्यक्रम के मुख्य अतिथि धर्मशाला स्थित हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति और शिमला स्थित हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति (अतिरिक्त प्रभार) प्रोफेसर (डॉ.) सत प्रकाश बंसल थे।
कुल 82 कैडेटों को विज्ञान विषय में, 84 कैडेटों को कंप्यूटर विज्ञान विषय में और 39 कैडेटों को कला विषय में डिग्री प्रदान की गई। साथ ही, दीक्षांत समारोह के दौरान मित्र विदेशी देशों के 17 कैडेटों को भी डिग्री प्रदान की गई। इसके अलावा नौसेना और वायु सेना के 132 कैडेटों ने बीटेक विषय में भी ‘तीन साल के पाठ्यक्रम’ का प्रमाणपत्र प्राप्त किया। इन नौसेना और वायु सेना कैडेटों को उनके संबंधित प्री-कमीशन प्रशिक्षण अकादमिक संस्थानों- एझिमाला स्थित भारतीय नौसेना अकादमी और हैदराबाद के वायु सेना अकादमी में एक साल का प्रशिक्षण पूरा करने के बाद डिग्री प्रदान की जाएगी।
इस कार्यक्रम में बसंत सत्र (स्प्रिंग टर्म)- 2024 की शैक्षणिक रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ने अपने दीक्षांत भाषण में विश्व ख्याति की प्रमुख प्रशिक्षण अकादमिक संस्थानों में से एक से अपने कठिन प्रशिक्षण को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए पासिंग आउट कोर्स के कैडेटों को बधाई दी। इसके अलावा उन्होंने उन सभी अभिभावकों को बधाई दी और उनके लिए हार्दिक आभार व्यक्त किया, जिन्होंने अपने बच्चों को भारतीय सशस्त्र बलों के इस प्रतिष्ठित ‘ट्राई सर्विसेज’ प्रशिक्षण संस्थान में शामिल होने के लिए प्रेरित किया।
इससे पहले पासिंग आउट परेड की पूर्व रंग के रूप में सैन्य प्रशिक्षण के विभिन्न पहलुओं के माध्यम से प्राप्त किए गए कौशल के असाधारण मानकों को प्रदर्शित करने वाला कैडेट्स गतिविधि का प्रदर्शन पुणे स्थित राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के बॉम्बे स्टेडियम में आयोजित किया गया। इसमें युद्ध और रोमांच के शानदार विस्मयकारी गतिविधियां शामिल थी।
थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे ने अपनी उपस्थिति से इस प्रदर्शन की गरिमा बढ़ाई। इसके अलावा इस कार्यक्रम के दर्शकों में विभिन्न वरिष्ठ गणमान्य व्यक्ति और पासिंग आउट कोर्स के गौरवान्वित माता-पिता और 146वें कोर्स के कैडेट भी शामिल थे। इस प्रदर्शन की शुरुआत घुड़सवार परंपरा में खड़े सलामी और ध्वजारोहण द्वारा सम्मानित सभा के स्वागत के साथ हुई। इस कार्यक्रम में 270 कैडेटों और 38 घोड़ों का एक समूह प्रशिक्षण के उच्च मानकों, कार्यों के पूर्ण समन्वय और शारीरिक उत्कृष्टता का प्रदर्शन कर रहा था।