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5 साल में 34 वायुसेना दुर्घटनाएं, CDS बिपिन रावत के हेलीकॉप्टर हादसे पर रिपोर्ट क्या कहती है?

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रक्षा पर स्थायी समिति ने हाल ही में अपनी रिपोर्ट में भारतीय वायु सेना (IAF) द्वारा 13वीं रक्षा योजना अवधि (2017-2022) में दर्ज की गई 34 विमान दुर्घटनाओं का खुलासा किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, इन दुर्घटनाओं के लिए मुख्य कारण मानवीय भूल और तकनीकी खामियां रही हैं, जो विमानन सुरक्षा में चल रही चुनौतियों को उजागर करती हैं।

दुर्घटना का वार्षिक विवरण

2017-18: 8 दुर्घटनाएं

2018-19: 11 दुर्घटनाएं

2019-20: 3 दुर्घटनाएं

2020-21: 3 दुर्घटनाएं

2021-22: 9 दुर्घटनाएं

वृद्धि और चिंता के संकेत

2018-19 और 2021-22 में दुर्घटनाओं की संख्या में बढ़ोतरी ने चिंता को जन्म दिया है। इनमें से कई घटनाओं ने प्रमुख ध्यान आकर्षित किया, जिनमें से एक Mi-17V5 दुर्घटना थी, जिसमें 2021 में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत की मौत हो गई थी।

प्राथमिक कारण

रिपोर्ट के अनुसार, 34 दुर्घटनाओं के प्रमुख कारणों को निम्नलिखित वर्गीकृत किया गया है:

मानवीय त्रुटि (एयरक्रू): 19 घटनाएं

तकनीकी खामियां: 9 घटनाएं

अन्य कारण: पक्षियों के हमले और विदेशी वस्तु क्षति

उदाहरण: Mi-17 हेलीकॉप्टर दुर्घटना जिसमें जनरल रावत और 12 अन्य लोग मारे गए।

दुर्घटना-संभावित विमान

मिग-21, जो अपनी पुरानी डिजाइन के कारण आलोचना का शिकार रहा है, इस अवधि के दौरान दुर्घटनाओं का प्रमुख कारण बना। इसके अलावा, Mi-17, जगुआर, Su-30 और किरण ट्रेनर जेट भी दुर्घटनाओं में शामिल रहे।

सुरक्षा उपाय और घटती प्रवृत्तियाँ

रक्षा मंत्रालय ने जोखिम कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनमें शामिल हैं:

परिचालन प्रोटोकॉल, प्रशिक्षण, और रखरखाव प्रथाओं की समीक्षा।

जांच रिपोर्टों से अनुशंसाओं का पालन और कार्यान्वयन।

रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि प्रति 10,000 उड़ान घंटों में दुर्घटनाओं की दर में लगातार गिरावट आई है। 2000-2005 के बीच यह दर 0.93 थी, जो 2017-2022 में घटकर 0.27 हो गई। वर्तमान दर 0.20 है, जो बेहतर सुरक्षा प्रोटोकॉल को दर्शाता है।

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