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36 laborers of Jharkhand stranded in Tajikistan, demanded to return to their homeland through social media

झारखंड के 36 मजदूर फंसे ताजिकिस्तान में, सोशल मीडिया जरिये लगाई वतन वापसी की मांग

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नई दिल्ली (नेशनल थॉटस) : झारखंड के कई जिलों के कम से कम 36 प्रवासी मजदूर पिछले दो महीने से ताजिकिस्तान में फंसे हुए हैं। इन मजदूरों ने राज्य सरकार से सुरक्षित वतन वापसी के लिए गुहार लगाई है। फंसे हुए मजदूरों ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपने परिवारों को इसकी जानकार दी। मजदूरों का कहना है कि वह जिस कंपनी के लिए काम करने गए थे, उसने उनके पासपोर्ट जब्त कर लिए हैं। कई महीनों से उन्हें वेतन भी नहीं मिला है। इसके अलावा उन्हें खाने के लिए सही से भोजन भी मिल पा रहा है।

पिछले साल दिसंबर में गए थे ताजिकिस्तान :
अधिकारियों ने कहा कि हजारीबाग, बोकारो और गिरिडीह जिलों के रहने वाले सभी मजदूर पिछले साल 19 दिसंबर को भारत में काम करने वाली एक फर्म के एजेंट द्वारा अच्छे वेतन का वादा किए जाने के बाद ताजिकिस्तान के लिए रवाना हुए थे।

राज्य प्रवासी प्रकोष्ठ को दी गई जानकारी :
हजारीबाग की उपायुक्त नैंसी सहाय ने मीडिया को बताया कि उन्हें फंसे मजदूरों के परिजनों से शिकायतें मिली हैं कि उन्हें बंधुआ मजदूरों की तरह जीवन जीने के लिए मजबूर किया गया। शिकायतों के आधार पर राज्य प्रवासी प्रकोष्ठ को सूचित किया गया है कि वह संबंधित अधिकारियों के समक्ष इस मुद्दे को उठाए और जितनी जल्दी हो सके मजदूरों की सुरक्षित वापसी के रास्ते तलाशे जाएं।

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