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बंगाल में 40 राफेल तैनात, 2 से ही… भारत का कड़ा रुख, युनूस ने 70 को जेल में डाला

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बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचारों को लेकर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चिंतित हैं। इस मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करने के लिए भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बांग्लादेश का दौरा किया, जहां उन्होंने अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद युनूस से मुलाकात की। इस मुलाकात में बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों पर गंभीर चर्चा हुई।

विदेश सचिव की यात्रा और बांग्लादेश में बदलाव

विदेश सचिव की यात्रा के बाद बांग्लादेश सरकार ने अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे हमलों को स्वीकार किया। मोहम्मद युनूस ने अब तक की घटनाओं पर प्रतिक्रिया दी और कहा कि हिंदुओं पर अत्याचार की घटनाएं निरंतर बढ़ रही हैं। यह स्वीकारोक्ति बांग्लादेश के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव है, जहां पहले इस पर चुप्पी साधी हुई थी।

88 मामलों की पुष्टि और गिरफ्तारियां

अगस्त में शेख हसीना के पद छोड़ने के बाद से बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ सांप्रदायिक हिंसा के 88 मामलों की पुष्टि की गई है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने इन हमलों में 70 लोगों को गिरफ्तार करने की जानकारी दी है। यह सब भारतीय विदेश सचिव की बांग्लादेश यात्रा के बाद हुआ, जिसमें उन्होंने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की थी।

भाजपा की प्रतिक्रिया: 2 राफेल लड़ाकू विमान पर्याप्त

भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के नेता और पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने बांग्लादेश के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश के लिए दो राफेल लड़ाकू विमान पर्याप्त होंगे, क्योंकि वहां की सरकार और प्रशासन को भारत के खिलाफ हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए कड़ा संदेश देना जरूरी है।

भा.ज.पा. और हिंदू संगठनों ने उत्तर 24 परगना जिले के बशीरहाट में बांग्लादेश सीमा के पास विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ उत्पीड़न की निंदा की गई। सुवेंदु अधिकारी ने बांग्लादेश को चेतावनी देते हुए कहा कि भारत बांग्लादेश पर निर्भर नहीं है, बल्कि बांग्लादेश भारत पर निर्भर है।

भारत द्वारा बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचारों को लेकर चिंता जताई जा रही है। विदेश सचिव की यात्रा ने बांग्लादेश सरकार को इस मुद्दे पर कदम उठाने के लिए मजबूर किया है। वहीं, भाजपा और विपक्षी दलों ने बांग्लादेश के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया दी है और यह मुद्दा अब दोनों देशों के बीच एक महत्वपूर्ण बिंदु बन चुका है।

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