शिला भूमिरश्मा पांसु सा भूमिः संधृता धृता।
तस्यै हिरण्यवक्षसे पृथिव्या अकरं नमः॥२६॥
(अथर्व०१२/१/२६)
जिस भूमि पर शिला, पत्थर, पर्वत और रेगिस्तान है, जिसके भीतर सुवर्ण रत्न आदि खनिज संपदाओं का अमूल्य भण्डार है, उसके सरंक्षण के लिए हम सभी के अन्दर ज्ञान, शौर्य, वीर्य आदि गुणों का होना नितान्त आवश्यक है। हम अपनी मातृ भूमि को नमस्कार करते हैं और ईश्वर से कामना करते हैं कि हमे अपनी मातृ भूमि की सुरक्षा के लिए सामर्थ्य प्रदान करे।
The land which has rocks, stones, mountains and deserts, within which there is a priceless storehouse of mineral resources like gold, gems etc.. To protect such precious land, it is absolutely necessary for all of us to have qualities like knowledge, bravery etc. Moreover, we should salute our motherland and pray to God to give us strength to protect her.