नई दिल्ली,(नेशनल थॉट्स ) : सनातन धर्म में विवाह पंचमी का पर्व बेहद शुभ माना जाता है। इसी महत्वपूर्ण और विशेष दिन भगवान राम और मां सीता का विवाह हुआ था। हिंदू पंचांग के अनुसार, यह दिन मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है।
इस साल यह पवित्र त्योहार 17 दिसंबर को मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो साधक इस दिन व्रत रखते हैं और सच्चे भाव से पूजा करते हैं उनकी सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही जिनके विवाह में अड़चने आ रही हैं, उन्हें इस दिन का उपवास जरूर रखना चाहिए और विधि पूर्वक पूजा-अर्चना करनी चाहिए। तो आइए जानते हैं विवाह पंचमी के दिन किसी विधि से पूजा करनी चाहिए-
विवाह पंचमी पूजा विधि
- सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करें और साफ कपड़े धारण करें।
- इस दिन कई भक्त भव्य पूजा का आयोजन करते हैं और अपने रिश्तेदारों और दोस्तों को घर पर आमंत्रित करते हैं।
- भगवान राम और जानकी माता की प्रतिमा को स्थापित करें।
- श्री राम और माता सीता की प्रतिमा को सुंदर वस्त्रों और आभूषणों से सजाएं।
- भक्त देसी घी का दीया जलाएं, गुलाब के फूलों की माला या फूल, 5 अलग-अलग फल, मीठा पान, घर में बनी मिठाई चढ़ाएं।
- पूजा स्थान पर एक राम दरबार की तस्वीर भी स्थापित करें।
- प्रभु श्री राम और देवी सीता को भोग लगाने के लिए सात्विक भोजन तैयार करें।
- भोग में तुलसी पत्र अवश्य शामिल करें, क्योंकि यह भगवान को सबसे प्रिय है।
- विवाह प्रसंग, जिसका उल्लेख रामचरितमानस में किया गया है, उसका पाठ करें।
- पूजा समाप्त करने के बाद भगवान राम और देवी सीता को भोग चढ़ाएं।
- साथ ही राम स्तुति और आरती को गा- गाकर पढ़ें।
- सभी अनुष्ठानों को पूरा करने के बाद भजन-कीर्तन करें।
- अगले दिन व्रत का पारण सात्विक भोजन से करें।
विवाह पंचमी मंत्र
तौ भगवानु सकल उर बासी। करिहि मोहि रघुबर कै दासी। जेहि कें जेहि पर सत्य सनेहू। सो तेहि मिलइ न कछु संदेहू।।
ॐ आपदामप हर्तारम दातारं सर्व सम्पदाम, लोकाभिरामं श्री रामं भूयो भूयो नामाम्यहम, श्री रामाय रामभद्राय रामचन्द्राय वेधसे रघुनाथाय नाथाय सीताया पतये नमः