बूढ़ी महिला और लड़के के बीच हुई बातचीत
एक लड़का सुबह- सुबह तालाब के किनारे दौड़ने को जाया करता था | आते-जाते वो एक बूढी महिला को देखता था | वो बूढी महिला हर रोज तालाब के किनारे छोटे-छोटे कछुवों की पीठ को साफ़ किया करती थी | लड़का यह सब हर रोज देखता | एक दिन उसने सोचा कि इस का क्या कारण हो सकता। वो लड़का उस बूढी महिला के पास गया और उनका अभिवादन किया – नमस्ते आंटी जी ! और पूछा कि मै आप को हर रोज कछुवों की पीठ को साफ़ करते हुआ देखता हू । आप यह क्यों करती हो ???
कछुए की पीठ को हर रविवार साफ करना – आदत या शौक
बूढी महिला ने बड़े प्यार से लड़के को देखा और बोला – बेटा मै यहा हर रविवार आती हूँ । मुझे इन कछुवों की पीठ को साफ कर के अच्छा लगता है। अंदर से शांति का अनुभव होता है। क्योंकि इनकी पीठ पर जो कवच होता है, उस पर कचरा जमता जाता है जिस की वजह से इनकी गर्मी पैदा करने की क्षमता कम हो जाती है। इसलिए इन कछुवे को तैरने में मुश्किल का सामना करना पड़ता है, अगर कुछ समय बाद तक अगर ऐसा ही रहे, इस को साफ ना किया जाए तो ये कवच भी कमजोर हो जाते है | जिस से इनकी ज़िंदगी भी खतरे में पड़ जाती है । इसलिए मैं इन कवच को हर रविवार साफ करने आती हूँ |
मेरे यह काम करने से इस एक कछुए की बदल जाएगी दुनिया
यह सुनकर लड़का बड़ा हैरान हुआ | उसने फिर एक जाना – पहचाना सा सवाल किया और बोला “बेशक आप बहुत अच्छा काम कर रहे है लेकिन फिर भी एक बात सोचिये कि इन जैसे कितने कछुवे है, जो इनसे भी बुरी हालत में है। जबकि आप सभी के लिए ये नहीं कर सकते तो उनका क्या – क्योंकि आपके अकेले के बदलने से तो कोई बड़ा बदलाव नहीं आयेगा | बूढ़ी महिला मुस्कुराई और बोलीं – भले ही मेरे ऐसा करने से दुनिया में कोई बड़ा बदलाव नहीं आयेगा लेकिन सोचो इस एक कछुवे की तो पूरी दुनिया बदल जाएगी | इसके लिए तो ये बहुत बड़ी बात होगी…
आपकी वजह से बदल सकती है किसी एक की ज़िंदगी
बस यहीं सोच कर मुझे ख़ुशी और सुकून मिल जाता है ..कि मैं दुनिया को तो नहीं बदल सकती लेकिन मैंने किसी की दुनिया तो बदल दी।दोस्तो हो सकता है कि आपके अकेले आगे बढ़ कर कुछ करने से इस दुनिया में कोई बहुत बड़ा बदलाव न आये लेकिन – ऐसा जरुर हो सकता है कि किसी एक की जिंदगी बदल जाए। सोच कर देखिये आपकी वजह से किसी एक की जिंदगी बदल जाए तो आपको कितना सुकून और ख़ुशी महसूस होगी।
कहानी से मिली सीख : जैसे बूंद-बूंद पानी से समुंदर बन जाता है, वैसे ही हजारों लोगों द्वारा किये गये छोटे-छोटे प्रयास एक दिन इस समाज में बहुत बड़ा बदलाव ला सकते हैं, तो हमे भी इन छोटे – छोटे बदलाव से ही शुरुआत करनी चाहिए और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरणा दीजिये ।