नई दिल्ली,(नेशनल थॉट्स ) : नगरी भगवान राम की है, और इसे एक नए संदेश की ओर से आदर्श और सामाजिक समरसता का केंद्र माना जा रहा है। रामलला के पुजारियों के साथ ही, नए प्रतिमानों का निर्माण भी किया जा रहा है, जो सभी वर्गों को समाहित करेगा। मंदिर के लिए चयनित 24 पुजारी देशभर से हैं और इनमें से दो अनुसूचित जाति (एससी) और एक पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से भी हैं।
मंदिर के विग्रहों की पूजा के लिए, मंदिर के महंत मिथिलेश नंदिनी शरण और महंत सत्यनारायण दास पौरोहित्य व कर्मकांड का प्रशिक्षण दे रहे हैं। इस स्थानीय समुदाय के लोगों को एक नया संदेश देने के लिए, यह महत्वपूर्ण है कि मंदिर में गैर ब्राह्मण पुजारी भी शामिल हैं। इससे साफ होता है कि योग्यता के आधार पर किया गया चयन है और धार्मिक स्थलों में सामाजिक समरसता की बढ़ती मान्यता को दर्शाता है।
स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती, महामंत्री, अखिल भारतीय संत समिति ने इसे एक नए सामाजिक पैग के रूप में स्वीकृति दी है, जिससे एक सशक्त और समृद्ध समाज की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ा है।
कठिन प्रशिक्षण मोबाइल पर भी रोक
सभी पुजारियों को रामानंदी परंपरा के अनुसार तीन महीने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस दौरान ये युवा गुरुकुल के नियमों का पालन कर रहे हैं। इनमें से न तो कोई मोबाइल का इस्तेमाल कर सकता है और न ही किसी बाहरी व्यक्ति से कोई संपर्क कर सकता है।
हनुमानजी के वैदिक ध्यान मंत्र समेत 14 सवालों पर चयन
नवंबर में सभी 24 पुजारियों का चयन 14 सवालों की बाधा पार करने के बाद हुआ। तीन चरणों के साक्षात्कार के बाद 3240 अभ्यर्थियों में से 25 को प्रशिक्षण के लिए चयनित किया गया। बाद में एक अभ्यर्थी आचार्य दैवज्ञ कृष्ण शास्त्री ने नाम वापस ले लिया। आचार्य शास्त्री के अनुसार, अंतिम दौर के तीन सवाल बेहद कठिन थे। हनुमानजी का वैदिक ध्यान मंत्र, सीता ध्यान मंत्र और भरत जी का ध्यान मंत्र। सामान्यतः लोगों को इसका ध्यान नहीं रहता।
पहले चरण में संध्या वंदन, नाम, गोत्र, शाखा, प्रवर, दूसरे चरण में आचार्य की डिग्री के अनुसार प्रश्न पूछे गए।
प्रमुख सवाल : रामजी की उपासना विधि, ध्यान मंत्र, सीताजी का ध्यान मंत्र, भरत जी का ध्यान मंत्र, राम जी का जन्म किस लग्न में हुआ, हनुमान जी का वैदिक ध्यान मंत्र ।