नई दिल्ली,(नेशनल थॉट्स ) : अयोध्या की पावन धरा पर श्री राम मंदिर उद्घाटन समारोह एवं प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के शुभ अवसर पर दिल्ली विश्वविद्यालय के लक्ष्मीबाई महाविद्यालय के प्रांगण में भव्य समारोह का आयोजन किया गया, जो भव्य और गरिमापूर्ण रहा ।
इस मौके पर प्राचार्या प्रो. वत्सला ने बताया कि श्री राम केवल किसी एक धर्म और प्रजाति को प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं, बल्कि उन्होंने न्याय और त्याग की भावना से पूरी दुनियां के सामने एक अनुपम उदाहरण पेश किया है। एक इंसान जो राजा बनने की राह में है और एक दिन पहले ही उसे आदेश होता है कि अब उसे 14 वर्षों के लिए वन में जाना है। इस कठिनाई को श्रीराम ने सहर्ष स्वीकार किया और यह घटना हमें उनकी साहसपूर्ण भूमिका को समझने में मदद करती है।
श्रीराम के जीवन का आदर्श
आज की परिस्थितियों में एक ऐसी परिस्थिति किसी इंसान के साथ घट जाए तो क्या वह इसे स्वीकार कर पाएगा? श्रीराम के जीवन की एक अच्छाई को अपने जीवन में धारण करने से ही सच्चा रामराज्य संभावित है। इस अद्भुत समारोह ने श्रीराम के उपदेश और उनके आदर्श को साझा करके जनमानस को प्रेरित किया और समाज में न्याय और समर्पण की भावना को बढ़ावा दिया।
प्रमुख अतिथियों की उपस्थिति में हुआ समारोह
रामलला प्राणप्रतिष्ठा समारोह में श्री आदित्य ममगई (IRS एवं Additional P.S., लोकसभा अध्यक्ष), डॉ. अभिषेक टंडन (प्रांत अध्यक्ष, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, दिल्ली प्रांत), श्री चरणजीत जी, अंतरराष्ट्रीय कवि, पूज्यनीय), साध्वी ऋचा जी (गंगोत्री धाम), प्रो. बी.डब्ल्यू. पांडे (अध्यक्ष, शासी निकाय, लक्ष्मीबाई महाविद्यालय), प्रो. गुंजन गुप्ता (कोषाध्यक्ष, लक्ष्मीबाई महाविद्यालय) तथा महाविद्यालय के प्राचार्या प्रो. प्रत्यूष वत्सला सहित अनेक गणमान्य अतिथियों ने इस ऐतिहासिक मौके पर सहभागिता की।
प्रमुख सांस्कृतिक कार्यक्रम
1. सामूहिक गायन – संगीत विभाग के सदस्यों द्वारा
2. लघु नाटक (skit) – NSS छात्रों द्वारा
3. एकल नृत्य – संगीत विभाग के सदस्यों द्वारा
4. डांस ड्रामा – NCC कैडेट्स
5. ग्रुप सोंग – फैकल्टी सदस्यों द्वारा
6. सस्वर दोहा पाठ (Recitation) – फैकल्टी सदस्यों द्वारा
7. डांडिया नृत्य – फैकल्टी सदस्यों द्वारा