नई दिल्ली,(नेशनल थॉट्स ) : साइनस के मरीजों के लिए मौसम का बदलना एक चुनौतीपूर्ण समय होता है। खासकर, सर्दियों के मौसम में साइनस समस्या में अधिक वृद्धि होती है। साइनस के रोगी इस समय ज्यादा भारी महसूस करते हैं, जिसमें सूजन, सर्दी जुकाम, एलर्जी, नाक के भीतर पड़ने वाला फोड़ा, बलगम, सिर दर्द, और आवाज में बदलाव शामिल होता है। यह समस्या दवाइयों के बावजूद बनी रहती है। इस मुश्किल समय में, साइनस के उपचार के रूप में योगासन एक अत्यंत प्रभावी और प्राकृतिक उपाय साबित हो सकता है।
योगासन से प्राप्त करें साइनस की समस्या से राहत
योग का महत्वपूर्ण योगदान से जाना जाता है कि योगाभ्यास से साइनस समस्या से निजात पाई जा सकती है। योगासन के अभ्यास से साइनस के मरीजों को सुकून और स्वस्थ जीवन का अहसास होता है। विभिन्न योगासनों की मदद से साइनस से जुड़ी समस्याएं कम हो सकती हैं और सुधार हो सकता है। योगासन के बारे में जानकारी प्राप्त करने और इन्हें अपनाने के लिए यह निर्देश उपयुक्त हैं।
पश्चिमोत्तानासन
साइनस की समस्या से राहत पाने के लिए पश्चिमोत्तानासन का अभ्यास करें। इसके लिए सीधा बैठ जाएं और दोनों पैरों को फैलाकर एक सीध में एक दूसरे से सटाकर रखें। फिर दोनों हाथों को ऊपर की ओर ले जाएं और अपनी कमर बिलकुल सीधी रखें। झुक कर दोनों हाथों से पैरों के अंगूठे को पकड़ें। इस दौरान आपके घुटने मुड़े नहीं और पैर जमीन पर सटे रहें। इस आसन से सिर दर्द में भी आराम मिलता है।
हलासन
हलासन का अभ्यास करने के लिए जमीन पर पीठ के बल लेटकर दोनों हाथों को सीधा जमीन पर रखें। धीरे धीरे सांस छोड़ते हुए दोनों पैरों को ऊपर उठाएं। अब पैरों को पीछे की ओर सीधे जमीन पर झुकाकर पंजों को जमीन से सटाकर रखें। अपना सिर सीधा रखें। इस स्थिति में दो से तीन मिनट तक रहें, बाद में सामान्य अवस्था में आ जाएं।
उत्तानासन
इस आसन को करने के लिए सीधा खड़े हो जाएं और लंबी सांस लेते हुए अपने दोनों हाथों को ऊपर की ओर उठा लें। फिर आगे की ओर झुके और दोनों हाथों से जमीन को छुएं। घुटने सीधे रखें। कुछ देर इसी पोजीशन में रहें, फिर हाथ ऊपर ले जाते हुए सांस छोड़ें और सामान्य अवस्था में खड़े हो जाएं।
पवनमुक्तासन
इस योगासन को करने के लिए पीठ के बदल लेट कर सांस लें। अब एक पैर के घुटने को मोड़ते हुए दोनों हाथों की उंगलियों को एक दूसरे में डालकर घुटने को पेट से सटा लें। सांस छोड़ते हुए सिर को ऊपर उठाएं और घुटने को नाक पर लगाएं। 10 सेकेंड तक सांस रोककर इसी अवस्था में रहें और बाद में पैरों को सीधा कर लें। दूसरे पैर के साथ भी यही प्रक्रिया करें।