एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में एक पेड़ रहता था। वह पेड़ बहुत खूबसूरत था, और उसके पत्ते हमेशा हरे-भरे रहते थे। लेकिन पेड़ की जड़ें बहुत कमजोर थीं। एक दिन, एक तूफान आया। तूफान बहुत भयंकर था। उसने पेड़ के आसपास के सभी पेड़ों को उखाड़ फेंका। लेकिन कमजोर जड़ों के कारण, पेड़ उखड़ नहीं पाया।
तूफान के बाद, पेड़ बहुत उदास हो गया। उसने सोचा कि वह बहुत कमजोर है। वह अन्य पेड़ों की तरह मजबूत नहीं है। एक दिन, एक बुजुर्ग व्यक्ति पेड़ के पास आया। उसने पेड़ को देखा और कहा, “तुम बहुत खूबसूरत पेड़ हो। तुम्हारे पत्ते हमेशा हरे-भरे रहते हैं। लेकिन तुम्हारी जड़ें बहुत कमजोर हैं।
पेड़ ने कहा, “हाँ, मैं जानता हूँ। मैं बहुत कमजोर हूँ। मैं अन्य पेड़ों की तरह मजबूत नहीं हूँ।”बुजुर्ग व्यक्ति ने कहा, “जड़ें कमजोर होना कोई बुरी बात नहीं है। जड़ें कमजोर होने का मतलब है कि तुम अभी भी विकास कर रहे हो। तुम अभी भी सीख रहे हो।”
बुजुर्ग व्यक्ति ने पेड़ को एक कहानी सुनाई। उसने कहा, “एक बार की बात है, एक छोटा सा बीज था। वह बीज एक बहुत मजबूत पेड़ बनना चाहता था। लेकिन वह बीज बहुत कमजोर था। वह हवा में उड़ जाता था, और वह पानी में बह जाता था।”
“एक दिन, एक पक्षी उस बीज को उठाकर ले गया। पक्षी ने बीज को एक चट्टान पर रख दिया। चट्टान बहुत कठोर थी। बीज को चट्टान में जड़ें जमाने में बहुत मुश्किल हुई।” लेकिन बीज ने हार नहीं मानी। उसने कड़ी मेहनत की। उसने दिन-रात काम किया। आखिरकार, बीज की जड़ें चट्टान में जम गईं। बीज एक मजबूत पेड़ बन गया।”
बुजुर्ग व्यक्ति ने कहा, “यह कहानी तुम्हें सिखाती है कि जड़ें कमजोर होने का मतलब हार नहीं है। जड़ें कमजोर होने का मतलब है कि तुम अभी भी विकास कर रहे हो। तुम अभी भी सीख रहे हो।” पेड़ ने कहा, “मैं समझ गया। मैं हार नहीं मानूंगा। मैं अपनी जड़ों को मजबूत बनाने के लिए कड़ी मेहनत करूंगा।”
पेड़ ने बुजुर्ग व्यक्ति की बात मानी। उसने कड़ी मेहनत की। उसने अपनी जड़ों को मजबूत बनाने के लिए पानी, मिट्टी, और धूप की जरूरत थी। उसने इन सभी चीजों को प्राप्त करने के लिए बहुत मेहनत की।कुछ सालों बाद, पेड़ की जड़ें बहुत मजबूत हो गईं। पेड़ अब किसी भी तूफान का सामना कर सकता था। वह एक मजबूत और खूबसूरत पेड़ बन गया।
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि जड़ें कमजोर होना कोई बुरी बात नहीं है। हमें अपनी जड़ों को मजबूत बनाने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए।