नई दिल्ली – हल्द्वानी के बनभूलपुरा हिंसा मामले में पुलिस ने सहायक नगर आयुक्त, एसओ मुखानी, और एसओ बनभूलपुरा की तहरीर पर 18 नामजद व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है, जिनमें पांच हजार उपद्रवियों को शामिल किया गया है। घटनास्थल और आसपास के क्षेत्रों से पांच शव बरामद किए गए हैं। एक व्यक्ति की मौत बरेली ले जाने के समय हुई है, हालांकि प्रशासन ने इसे अभी तक पुष्टि नहीं की है।
बनभूलपुरा क्षेत्र में हिंसा के बाद, शहर में सुरक्षा के लिए इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। इससे लोगों का आम जीवन प्रभावित हुआ है। कर्फ्यू के कारण, घरों में कैद लोग बिना इंटरनेट के काफी परेशान रहे। शहर में बृहस्पतिवार रात के लगभग दस बजे से इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी। बीएसएनएल, वोडाफोन, एयरटेल, जियो जैसे अन्य नेटवर्कों पर इंटरनेट सेवा संचालित नहीं रही।
इसके कारण, सैकड़ों उपयोगकर्ता सूचना प्राप्ति में परेशान थे। इंटरनेट सेवा के बंद होने से वर्क फ्रॉम होम करने वाले लोगों का काम प्रभावित हुआ और परीक्षा की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों को भी बहुत समस्या हुई। बीएसएनएल के डीजीएम भीम बहादुर ने बताया कि पुलिस प्रशासन की ओर से अनुमति दी जाने तक संचार सेवा नहीं शुरू होगी। उन्होंने बताया कि शहर के बाहरी क्षेत्रों में भी इंटरनेट को बंद किया जा रहा है, ताकि किसी भी तरह के सोशल मीडिया पोस्ट या अन्य साधनों से शहर में अराजकता का माहौल न बने।
जिला प्रशासन शनिवार को कर्फ्यू में छूट को लेकर फैसला ले सकता है। इस बारे में जल्द ही निर्णय लिया जा सकता है, जैसा कि जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बताया। बनभूलपुरा में हिंसा के बाद से कोई अन्य दुर्भाग्यपूर्ण घटना नहीं हुई है।
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि देवभूमि की फिजा को खराब करने का प्रयास किया गया है। ऐसे परिस्थितियों में पहली बार कुछ ऐसा हो रहा है। कानून अपना काम करेगा। पत्रकारों के साथ बातचीत में सीएम ने कहा कि अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए टीम भेजी गई थी, और उस पर संयोजित हमला किया गया। पुलिस कर्मचारियों और अधिकारियों को लक्ष्य बनाया गया था, खासकर महिला पुलिस कर्मचारियों को हमला किया गया है। धामी ने कहा कि जो लोग सरकारी या निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हैं, उन्हें पहचाना जाएगा और उनसे नुकसान की मुआवजा ली जाएगी।