मॉस्को फोरम में बोलते हुए रूसी राष्ट्रपति ने कहा, ‘हम तथाकथित कैंसर के टीके और नई पीढ़ी की इम्यूनोमॉड्यूलेटरी दवाओं के निर्माण के बहुत करीब आ गए हैं। मुझे उम्मीद है कि जल्द ही इन्हें व्यक्तिगत चिकित्सा के तरीकों के रूप में प्रभावी ढंग से इस्तेमाल किया जाएगा।’ पुतिन ने इससे ज्यादा जानकारी साझा नहीं की और ना ही उन्होंने बताया कि ये टीके कैंसर पर कैसे काम करेंगे। हालाँकि, पुतिन का बयान अपने आप में काफी मायने रखता है क्योंकि दुनियाभर के देश कैंसर का इलाज ढूंढ़ने में लगे हुए हैं।
रूस के अलावा ब्रिटिश सरकार भी कैंसर का इलाज ढूंढ़ने में लगी हुई है। हाल ही में ब्रिटिश सरकार ने जर्मनी की कंपनी बायोएनटेक के साथ एक समझौता किया है। ब्रिटिश सरकार की मदद से बायोएनटेक “व्यक्तिगत कैंसर उपचार” प्रदान करने के लिए परीक्षण शुरू करेगी। फार्मास्युटिकल कंपनियां मॉडर्न और मर्क एंड कंपनी एक प्रयोगात्मक कैंसर वैक्सीन विकसित कर रही हैं। उनके एक मध्य-चरण के अध्ययन में सामने आया है कि तीन साल के उपचार के बाद मेलेनोमा से मृत्यु की संभावना आधी हो गई। बता दें, मेलेनोमा सबसे घातक त्वचा कैंसर है।