एक बार, एक गरीब किसान था जो अपनी पत्नी और बच्चों के साथ एक छोटे से गाँव में रहता था। वह बहुत मेहनती था, लेकिन उसकी किस्मत खराब थी।
एक दिन, वह खेत में काम कर रहा था जब उसे एक चमकदार पत्थर मिला। उसने उसे उठाया और देखा कि यह एक हीरा था। वह बहुत खुश हुआ और उसे घर ले गया।
उसकी पत्नी ने हीरा देखा और कहा, “यह तो बहुत बड़ा हीरा है! अब हम अमीर हो जाएंगे!”
किसान ने कहा, “हाँ, लेकिन हमें इसे बेचना होगा।”
अगले दिन, किसान शहर गया और हीरा बेच दिया। उसने सोने के सिक्कों से भरा एक थैला घर लाया।
उसकी पत्नी ने कहा, “अब हमारी सभी समस्याएं हल हो जाएंगी।”
किसान ने कहा, “हाँ, लेकिन हमें इस पैसे का बुद्धिमानी से इस्तेमाल करना होगा।”
किसान ने कुछ सोने के सिक्कों से एक नया घर खरीदा और बाकी के पैसे बैंक में जमा कर दिए।
उसने अपने बच्चों को स्कूल में भर्ती कराया और उन्हें अच्छी शिक्षा दी।
किसान और उसका परिवार खुशी-खुशी रहने लगा।
एक दिन, किसान बीमार हो गया। उसने अपनी पत्नी को बुलाया और कहा, “मेरा समय आ गया है।”
उसकी पत्नी रोने लगी।
किसान ने कहा, “रो मत। मैंने तुम्हें और बच्चों को अच्छी जिंदगी दी है।”
किसान की मृत्यु हो गई।
उसकी पत्नी और बच्चों ने उसका अंतिम संस्कार किया।
किसान की मृत्यु के बाद, उसकी पत्नी ने बच्चों की परवरिश की और उन्हें अच्छी शिक्षा दी।
बच्चे बड़े हुए और सफल लोग बन गए।
किसान की पत्नी और बच्चों ने हमेशा हीरा और किसान की बुद्धिमानी को याद किया।
- ईश्वर की मर्जी से ही सब कुछ होता है।
- हमें जो मिलता है, उससे संतुष्ट रहना चाहिए।
- हमें अपने धन का बुद्धिमानी से इस्तेमाल करना चाहिए।
यह कहानी आज के समय में भी प्रासंगिक है। आजकल, लोग बहुत लालची हो गए हैं। वे हमेशा अधिक से अधिक धन और संपत्ति चाहते हैं।
यह कहानी हमें सिखाती है कि हमें ईश्वर की मर्जी से संतुष्ट रहना चाहिए और अपने धन का बुद्धिमानी से इस्तेमाल करना चाहिए।