राजस्थान की रेतीली धरती पर एक छोटा सा गाँव था, जहाँ सदियों पुरानी हवेली गाँव वालों के लिए कौतूहल का विषय थी। यह हवेली गाँव के बाहरी इलाके में थी, उसकी दीवारें जर्जर थीं और खिड़कियाँ हमेशा बंद रहती थीं। गाँव के बुजुर्गों की कहानियों के अनुसार, यह हवेली एक अमीर राजा की थी, जो रातों रात गायब हो गया था। उसके बाद से हवेली में कोई नहीं रहा, और माना जाता था कि हवेली भूतों का घर बन गई है।
एक दिन गाँव में रहने वाला 12 साल का अजय, जो हमेशा रोमांच के लिए लालायित रहता था, ने अपने दोस्तों, मीना और विक्रम को हवेली में जाने के लिए राजी कर लिया। वे तीनों एक रात चुपके से हवेली में घुसे। अंदर का वातावरण धूल भरा और अंधेरा था। मकड़ी के जाल हर कोने में लटक रहे थे और पुरानी चीजों की बासी गंध हवा में फैली थी।
धीरे-धीरे आगे बढ़ते हुए, उन्होंने एक पुस्तकालयनुमा कमरा पाया। कमरे में धूल से ढकी हुई सैकड़ों किताबें थीं। अजय ने एक किताब उठाई और उसका पन्ना खोला। किताब में एक गुप्त खजाने का नक्शा बना हुआ था! उनकी खुशी का ठिकाना न रहा। उन्होंने सोचा कि शायद यह उसी राजा का खजाना है जो गायब हो गया था।
नक्शे के अनुसार, खजाना हवेली के पीछे एक बूढ़े कुएँ के पास छिपा हुआ था। उत्साहित होकर, वे तीनों अगली रात कुएँ के पास गए। नक्शे के निर्देशों का पालन करते हुए, उन्होंने कुछ पत्थरों को हटाया और एक गुप्त दरवाजा खोला। दरवाजे के पीछे एक सुरंग थी, जो उन्हें एक गुप्त कमरे तक ले गई।
कमरे में सोने के सिक्के, हीरे-जवाहरात और अनमोल कलाकृतियाँ भरी हुई थीं। खजाना देखकर उनकी आँखें चकाचौंध हो गईं। लेकिन जैसे ही वे खजाने को छूने के लिए आगे बढ़े, एक गुप्त दरवाजा खुला और एक बूढ़ा आदमी सामने आया।
यह वही राजा था जो सालों पहले गायब हो गया था! वह उन्हें देखकर चौंका नहीं, बल्कि मुस्कुराया। उसने उन्हें बताया कि वह गाँव वालों से छुपकर रहता था, क्योंकि वह शांति चाहता था। उसने उन्हें यह भी बताया कि खजाना गाँव के लोगों की भलाई के लिए है।
राजा ने अजय, मीना और विक्रम को गाँव का मुखिया बना दिया, और उन्हें खजाने का इस्तेमाल गाँव के विकास के लिए करने का निर्देश दिया। तीनों बच्चों ने राजा की बात मानी और खजाने का इस्तेमाल स्कूल, अस्पताल और सड़क बनाने में किया। गाँव कायापलट हो गया और गाँव वाले रहस्यमयी हवेली के रहस्य को जानकर खुश हुए।
इस कहानी से पता चलता है कि जिज्ञासा अच्छी है, लेकिन लालच बुरी है। ईमानदारी और अच्छे इरादों से ही सच्ची खुशी मिलती है।