बिहार में लोकसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे पर तीव्र बहस और समझौते की चर्चा जारी है, जब स्थानीय दलों के बीच गहरे राजनीतिक उतार-चढ़ाव का सामना हो रहा है। पशुपति कुमार पारस की लोक जनशक्ति पार्टी (राष्ट्रीय) और जीतन राम मांझी की पार्टी हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा- सेक्युलर को संभालने के बाद, अब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की ओर से लोकसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे की योजना सामने आ सकती है।
गुरुवार को मांझी से मुलाकात और पारस समेत बाकी घटक दलों से पहले हो चुकी बातचीत के आधार पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने शुक्रवार को सीट शेयरिंग की जानकारी मिल जाएगी। इस समय, सीट बंटवारे की घोषणा को लेकर सभी की नजर भाजपा पर है, जबकि मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी घटक दलों की नजर रहेगी।
सूत्रों के मुताबिक, बिहार एनडीए में भाजपा 17, जदयू 16, लोजपा (रामविलास) चार सीटों पर है। बाकी तीन सीटों पर लोजपा (पारस गुट), उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा और जीतन राम मांझी की पार्टी हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा को दी जा सकती है।
बिहार में लोकसभा चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग की अधिसूचना के साथ भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों की दूसरी सूची भी आने की संभावना है। भाजपा को बिहार की 2019 में जीती अपनी सीटों में से पटना साहिब समेत चार सीटों को छोड़कर बाकी 13 पर प्रत्याशियों की घोषणा पहले करने की संभवना है। दूसरी तरफ, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाईटेड अपनी 16 जीती हुई सीटों में से 13 पर प्रत्याशियों को हरी झंडी दे चुकी है। जदयू तीन सीटों को लेकर कुछ ऊहापोह में है, जिसपर पार्टी में मंथन जारी है।