सुप्रीम कोर्ट से लेकर लोअर कोर्ट तक के हाल के कानूनी विकास को सुखद समाचार या उलझनकर घोषित करने में कुछ उथल-पुथल रही है। 30 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में बाबा रामदेव का मामला पुनः सुनाया जाएगा। इसी बीच, केजरीवाल की गिरफ्तारी पर ED ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है। सुप्रीम कोर्ट ने EVM-VVPAT के 100% मिलान की मांग को खारिज कर दिया है। सरकारी कब्जे के मामले में भी सुप्रीम कोर्ट में चर्चा हुई। इस सप्ताह के न्यायिक घटनाक्रमों की जानकारी आपके सामने हैं। चलिए, इस हफ्ते के कुछ अहम न्यायिक घटनाक्रमों की खास बातें जानते हैं।
**1. VVPAT वेरिफिकेशन की भी सभी याचिकाएं खारिज**
सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के माध्यम से डाले गए वोट का ‘वोटर वेरिफाबल पेपर ऑडिट ट्रेल’ (VVPAT) के साथ पूर्ण सत्यापन कराने की सभी याचिकाएं खारिज कर दीं। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने मामले में सहमति वाले दो फैसले सुनाये। न्यायमूर्ति खन्ना ने फैसला सुनाते हुए कहा कि अदालत ने सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है जिनमें दोबारा मतपत्रों से चुनाव कराने की प्रक्रिया पुनः बनाने का अनुरोध करने वाली याचिका भी शामिल है।
**2. पतंजलि के माफीनामे पर कही गई बातें**
पतंजलि आयुर्वेद मामले में अपनी सुनवाई का दायरा बढ़ाते हुए उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को एफएमसीजी कंपनियों के भ्रामक विज्ञापनों पर कड़ा रुख अपनाया और तीन केंद्रीय मंत्रियों से जनता के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने वाले इस तरह के चलन को रोकने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी मांगी। योग गुरु रामदेव और उनके सहयोगी पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के बालकृष्ण ने न्यायमूर्ति हिमा कोहल
ी और न्यायमूर्ति हसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ को बताया कि उन्होंने भ्रामक विज्ञापनों पर 67 समाचार पत्रों में बिना शर्त सार्वजनिक माफी मांगी है और वे अपनी गलतियों के लिए बिना शर्त माफी मांगते हुए अतिरिक्त विज्ञापन भी जारी करना चाहते हैं।
**3. अरविंद केजरीवाल को क्यों किया अरेस्ट? ED ने सुप्रीम कोर्ट को बताया**
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि आम आदमी पार्टी (आप) दिल्ली की कथित आबकारी नीति घोटाले से संबंधित उत्पन्न ‘अपराध की आय’ की प्रमुख लाभार्थी है और उसने अपने राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के जरिए धनशोधन का अपराध किया है।
**4. शिक्षक नियुक्ति केस सुप्रीम सुप्रीम कोर्ट पहुंचा**
पश्चिम बंगाल सरकार ने 25753 टीचर और नॉन टीचिंग स्टाफ की नियुक्ति को अवैध ठहराने के कोलकाता हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। राज्य सरकार का कहना है कि हाई कोर्ट ने मनमाना तरीके से ये नियुक्तियां रद्द की हैं।
**5. प्राइवेट प्रॉपर्टी पर क्या समुदाय या संगठन का हक है?**
सुप्रीम कोर्ट ने 23 अप्रैल को नौ जजों की पैनल ने संविधान के अनुच्छेद 39 बी की व्याख्या के लिए कार्यवाही शुरू कर दी है। इसका उद्देश्य ये स्पष्ट करना है कि क्या राज्य की नीति का ये निदेशक सिद्धांत सरकार को व्यापक सार्वजनिक कल्याण के लिए समुदाय के भौतिक संसाधनों के बहाने निजी स्वामित्व वाली संपत्तियों का प्रबंधन और पुनर्वितरण करने की अनुमति देता है।
ये हालात और न्यायिक घटनाक्रम इस सप्ताह की सुर्खियां रहे हैं। इनमें सुप्रीम कोर्ट के फैसले और न्यायिक दायरों में दर्ज केस अहम हैं।