एक बार श्रीकृष्ण और अर्जुन बाग में टहल रहे थे।
अर्जुन ने भगवान श्रीकृष्ण से पूछा संतो के दर्शन से क्या लाभ है?
श्रीकृष्ण जी ने पेड़ पर बैठे एक कौए की तरफ इशारा करके बताया उस कौए से पूछो।
अर्जुन ने जैसे ही कौए से पूछा संतो के दर्शन से क्या लाभ है अर्जुन का पूछना था कि कौआ तुरंत मर गया।
कुछ दिन बीत गए अर्जुन ने फिर वही सवाल किया संतो के दर्शन से क्या लाभ है ? श्रीकृष्ण जी ने बताया दूर पहाड़ पर एक हंस रहता है इसका जवाब उसी से मिल सकता है।
अर्जुन को अपना जवाब चाहिए था अर्जुन श्रीकृष्ण को लेकर पहाड़ की तरफ चल दिए जब हंस मिला तो अर्जुन ने पूछा संतो के दर्शन से क्या लाभ है ?
हंस वहीं मर गया। अर्जुन हताश होकर वापस आ गए।
कुछ दिन पश्चात् अर्जुन ने फिर वही सवाल श्रीकृष्ण जी से किया श्रीकृष्ण भगवान ने बताया पड़ोस के गांव में एक गरीब के घर एक लड़का पैदा हुआ है जाकर उससे पूछो वह बता देगा।
अर्जुन श्रीकृष्ण को लेकर डरते डरते उस गरीब के घर गए और बच्चे के पिता से पूछ कर बच्चे के पास गए। बच्चे से पूछा संतो के दर्शन से क्या लाभ है? इतना पूछना था कि बच्चे ने दम तोड़ दिया।हैरान परेशान होकर वहां से वापस आए और रास्ते में श्रीकृष्ण जी से पूछा इसका उत्तर आप क्यों नहीं दे देते।
भगवान श्रीकृष्ण ने कहा पड़ोसी देश के राजा के यहां अभी एक बालक का जन्म हुआ है।वो इसका उत्तर अवश्य दे देगा।
अपनी जिज्ञासा शांत करने के लिए श्रीकृष्ण को लेकर अर्जुन उस देश की तरफ चल निकले। राजा के दरबार में पहुंच कर राजा से आज्ञा ली कि मुझे आपके नौनिहाल बच्चे से मिलना है। राजा ने जिज्ञासावश पूछा मेरा इकलौता बेटा जो आज ही जन्मा है आप उससे क्या पूछेंगे?
अर्जुन के कई बार प्रार्थना करने पर राजा ने सवाल पूछने की आज्ञा दे दी। अर्जुन ने बच्चे के पास जाकर पूछा संतो के दर्शन से क्या लाभ है?। बच्चा हंसते हुए बोला आपको अभी तक समझ नहीं आया संतो के दर्शन से क्या लाभ है।
जब आप और श्रीकृष्ण भगवान के पहली बार दर्शन हुए
तब मै एक कौआ था। आप लोगों का पहली बार दर्शन हुआ तो मै मुझे कौआ से हंस बने का लाभ मिला।
दूरदर्शन से मुझे मानव जीवन मिला।
तीसरे दर्शन से मुझे राजा बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
संतो के दर्शन से यह लाभ है।