इस अवसर पर आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा कि योग महोत्सव 2024 का उद्देश्य महिलाओं की भलाई और वैश्विक स्वास्थ्य और शांति को बढ़ावा देने पर ध्यान देने के साथ योग को एक व्यापक आंदोलन के रूप में आगे बढ़ाना है। मंत्रालय ने पीसीओएस/पीसीओडी, तनाव प्रबंधन आदि सहित महिलाओं को प्रभावित करने वाली विभिन्न स्थितियों पर अध्ययन का सक्रिय रूप से समर्थन किया है, ताकि महिलाओं की उम्र या स्थिति की परवाह किए बिना उनके स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित किया जा सके, साक्ष्य-आधारित अनुसंधान के माध्यम से महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया जा सके। योग महिलाओं को सशक्त बनाने, उनके शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक, सामाजिक और आध्यात्मिक कल्याण को शामिल करने का एक व्यापक साधन है। सशक्त महिला नेता, शिक्षक और परिवर्तन की वकालत करने वाली, समाज में समावेशिता, विविधता और सशक्तिकरण को बढ़ावा देने वाली भूमिका निभाती हैं।
श्रीमती द योग इंस्टीट्यूट, मुंबई की निदेशक हंसाजी जयदेव ने कहा कि ‘मन की संतुलित स्थिति ही योग है।’ अपने संबोधन के दौरान उन्होंने अच्छे कार्यों के स्थायी मूल्य पर भी जोर दिया, वे सबसे अच्छी मुद्रा हैं जो हमें हमेशा के लिए बनाए रखती हैं। उन्होंने लोगों को वैसे ही स्वीकार करने और उन्हें समझने में आनंद पाने के महत्व पर प्रकाश डाला, न कि दूसरों के कार्यों से खुद को परेशान होने दिया।
श्रीमती जयदेव ने इस बात पर भी जोर दिया कि लोग मूलतः जागरूकता का विज्ञान है, जो व्यक्तियों को अपने शरीर, दिमाग और पर्यावरण के बारे में गहरी जागरूकता पैदा करने में सक्षम बनाता है।
सीवाईएसएस विश्वविद्यालय, बेंगलुरु के चांसलर डॉ. एच.आर. नागेंद्र ने समग्र जीवन के विज्ञान के रूप में यो%