पहला दोस्त: “यार, तुझे पता है ना, शादीशुदा जिंदगी काफी मुश्किल होती है?”
दूसरा दोस्त: “कैसे?”
पहला दोस्त: “अरे, हर रोज सुबह जल्दी उठना पड़ता है, पत्नी के लिए नाश्ता बनाना पड़ता है, उसे ऑफिस छोड़ने जाना पड़ता है, बच्चों को स्कूल भेजना पड़ता है…”
दूसरा दोस्त: “वाह! तुम तो सुपरहसबैंड हो! मैं तो सोच रहा था कि शादीशुदा जिंदगी में सुबह देर तक सोना और पत्नी द्वारा गरमा गरम नाश्ता मिलता है!”
ग्राहक: “भाई साहब, क्या आपके पास ताजा अंडे हैं?”
दुकानदार: “जी हाँ, बिल्कुल ताजा। सुबह ही मुर्गी ने अंडे दिए हैं।”
ग्राहक: “ठीक है, मुझे दस अंडे दे दीजिए।”
(कुछ देर बाद)
ग्राहक: “भाई साहब, ये अंडे तो सब खराब हैं!”
दुकानदार: “जी नहीं हुजूर, ये अंडे बिल्कुल ताजा हैं। मैंने तो आपको कहा था कि सुबह ही मुर्गी ने इन्हें दिया है।”
ग्राहक: “लेकिन ये तो उबले हुए हैं!”
दुकानदार: “अरे बाबा, जब मुर्गी ने इन्हें दिया था तब ये कच्चे ही थे। लेकिन जब तक आप दुकान पर आए, ये अंडे उबाल गए!”