मुख्य खबर: सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री पर ‘संविधान पर हमला’ का आरोप लगाते हुए उनकी आपातकाल संबंधी टिप्पणी को लेकर किया विवाद। उन्होंने संसद के पहले सत्र में इस मुद्दे पर सरकार और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक की। गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘टकराव को महत्व देते हैं’ लेकिन वे ‘आम सहमति के मूल्य’ का उपदेश देते हैं।
गांधी ने अपने एक संपादकीय में भी कहा कि मोदी अभी भी लोकसभा चुनाव के नतीजों से उबर नहीं पाए हैं, जिसमें वे कमजोर जनादेश के साथ सत्ता में वापस आए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री इस मुद्दे को उठाकर ध्यान हटाने की कोशिश कर रहे हैं। इसके अलावा, गांधी ने नीट पेपर लीक मामले पर भी आलोचना की और कहा कि इसे लेकर प्रधानमंत्री ने चुप्पी में बनाए रखे हैं, जो देश के युवाओं के लिए बड़ा नुकसान है।
उन्होंने भी मणिपुर में जातीय हिंसा पर राष्ट्रीय ध्यान आकर्षित किया और कहा कि प्रधानमंत्री को इस मुद्दे में गंभीर होना चाहिए, लेकिन उन्होंने न तो राज्य का दौरा किया है और न ही इसके बारे में बात की।