नई दिल्ली (नेशनल थॉट्स)- राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की तीसरी वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित अखिल भारतीय शिक्षा समागम (एबीएसएस) 2023 का शानदार समापन हुआ। गोरतलब है कि इस समागम का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा भारत मंडपम दिल्ली में किया गया था।
इस दो दिवसीय समारोह में शिक्षा क्षेत्र के दिग्गजों ने भारत को एक समतापूर्ण और जीवंत ज्ञान समाज में बदलने के लिए सामूहिक रूप से काम करने का संकल्प लिया। समापन समारोह में शामिल हुए भारत सरकार के केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मुख्य अतिथि के रूप में अपना उद्बोधन दिया।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं
समापन सत्र को संबोधित करते हुए, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि शिक्षा परिवार भारत को ज्ञान आधारित महाशक्ति बनाने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने शिक्षा जगत से शिक्षा के इस महाकुंभ को अखिल भारतीय संस्थान में बदलने का आग्रह किया। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के कार्यान्वयन के लिए प्राथमिक प्रयोगशाला के रूप में पीएम स्कूल फॉर राइज़िंग इंडिया (एसएचआरआई) योजना के स्कूल पर प्रकाश डालते हुए, केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने शैक्षणिक संस्थानों के प्रमुखों से स्कूल इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए ठोस प्रयास करने को भी कहा।
विभिन्न विषयों पर 16 सत्रों में शिक्षाविदों की भागीदारी
दो दिवसीय कार्यक्रम में स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा और कौशल शिक्षा के विभिन्न विषयों पर 16 विषयगत सत्रों में शिक्षाविदों की भागीदारी भी देखी गई। उनका नेतृत्व शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं, नीति निर्माताओं, नियामकों, उद्योग विशेषज्ञों/प्रतिनिधियों, भारत सरकार/राज्य और केंद्रशासित प्रदेश सरकारों के अधिकारियों आदि में से प्रतिष्ठित और सम्मनित पैनलिस्ट ने किया था।
106 महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर भी किए
इन दो दिनों के दौरान, उच्च शिक्षा, स्कूली शिक्षा और कौशल जैसे विभिन्न क्षेत्रों को शामिल करते हुए कुल 106 महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। इसके साथ ही यहां धर्मेंद्र प्रधान ने केंद्रीय शास्त्रीय तमिल संस्थान (सीआईसीटी) की दस प्रमुख परियोजनाओं पर लिखित पुस्तकों के विमोचन के साथ-साथ उल्लास का मोबाइल ऐप, प्रतीक चिन्ह और आदर्श वाक्य भी जारी किया।
दो दिनों में लगभग 2 लाख दर्शकों ने प्रदर्शनी का दौरा किया। इन दर्श्कों में विद्यार्थी, युवा स्वयंसेवक और युवा संगम के प्रतिभागी शामिल थे।