एक दिन जंगल में रहने वाला चंडरव नाम का सियार भूख से बेहाल, भूख मिटाने के लिए नगर में आ पहुंचा। वह कुत्तों से घिर गया। वे उसे नोचने लगे। बचकर भागते-भागते वह एक धोबी के मकान में घुस गया और नील की कड़ाही में छपाक से गिर पड़ा। कुत्तों के जाने के बाद वह भी बाहर निकला और जंगल में भाग गया। जब जंगल के जानवरों ने उसे देखा तो भयभीत हो गए और बोले, “अरे! यह कौन-सा जानवर हमारे बीच आ गया है?”
तब चंडरव ने सबको बुलाकर कहा, “मित्रों! मुझसे डरते क्यों हो? ईश्वर ने एक नए अवतार में मुझे तुम्हारा राजा बनाकर भेजा है।” सबने उसकी बात पर विश्वास कर लिया। सियार ने शेर को मंत्री, लोमड़ी को स्त्री और बाघ को नगर-रक्षक बना दिया।
प्रतिदिन शेर, लोमड़ी और बाघ जानवरों का शिकार करते और भोजन के रूप में उसे सियार को परोसते। वह आराम की जिन्दगी जीने लगा और धीरे-धीरे अपनी असलियत भूल गया।
एक दिन उसकी सभा चल रही थी तभी पास से सियारों के एक दल ने हूकना शुरू किया। उनकी हूक सुनकर चंडरव खुशी से पागल हो गया और वह भी चिल्लाया हू, हू।
उसकी हूक ने उसकी पोल खोल दी। शेर आदि सभी जानवर समझ गए कि यह ईश्वर का भेजा कोई नया अवतार नहीं है… सियार है, इसने सबको मूर्ख बनाया है। सियार ने पोल खुलती देख भागने की चेष्टा की पर शेर ने झपटकर पकड़ लिया और उसे मार दिया।