प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को देशवासियों को आषाढ़ी एकादशी की शुभकामनाएं दीं। महाराष्ट्र में भगवान विट्ठल के उपासक खासतौर पर पूरे श्रद्धाभाव के साथ यह पर्व मनाते हैं।
मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “आषाढ़ी एकादशी की हार्दिक शुभकामनाएं! भगवान विट्ठल का आशीर्वाद हमेशा हम पर बना रहे और हमें खुशी एवं समृद्धि से भरे समाज के निर्माण के लिए प्रेरित करे। यह अवसर हम सभी में भक्ति, विनम्रता और करुणा को भी प्रेरित करे। यह हमें परिश्रम के साथ गरीब से गरीब व्यक्ति की सेवा करने के लिए भी प्रेरित करे।”
आषाढ़ माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी को आषाढ़ी एकादशी कहते हैं। यह भगवान विष्णु का शयन काल होता है। पुराणों के अनुसार, इस दिन से भगवान विष्णु चार महीने के लिए क्षीरसागर में शयन करते हैं। इसलिए इसे हरिशयनी एकादशी कहा जाता है। इसी दिन से चातुर्मास प्रारंभ हो जाते हैं।
भक्ति और श्रद्धा का पर्व यह पर्व भक्तों में भगवान विट्ठल के प्रति गहरी आस्था और श्रद्धा का प्रतीक है।
भगवान विष्णु का शयन काल: पुराणों के अनुसार, इस दिन से भगवान विष्णु चार महीने के लिए क्षीरसागर में शयन करते हैं।
चातुर्मास की शुरुआत: आषाढ़ी एकादशी से चातुर्मास की शुरुआत होती है, जो चार महीने तक चलता है और इसे शुभ कार्यों का काल माना जाता है।
समाज में समृद्धि और खुशहाली: प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर भगवान विट्ठल से समाज में खुशी और समृद्धि की कामना की है।
आषाढ़ी एकादशी का यह पर्व हमें भक्ति, विनम्रता, करुणा और परिश्रम की प्रेरणा देता है। प्रधानमंत्री मोदी के संदेश से हम सभी को यह सीख मिलती है कि हमें अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए समाज की सेवा करनी चाहिए।