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बजट 2024: बिहार में बनेगा महाबोधि और विष्णुपद कॉरिडोर, बाढ़ से निपटने की भी तैयारी, 20 लाख हुई मुद्रा लोन की लिमिट

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को केंद्रीय बजट 2024 पेश किया। यह इस वर्ष का दूसरा बजट है, पहला अंतरिम बजट फरवरी में लोकसभा चुनाव 2024 से पहले प्रस्तुत किया गया था। बजट में प्रमुख घोषणाओं के तहत, आंध्र प्रदेश की राजधानी के विकास के लिए चालू वित्त वर्ष और भविष्य के वर्षों में 15,000 करोड़ रुपये की व्यवस्था की जाएगी।

वित्त मंत्री ने बताया कि शहरी आवासों के लिए सस्ती दर पर कर्ज देने के लिए ब्याज सब्सिडी योजना लाए जाने की बात की। पीएम आवास योजना-शहरी 2.0 के तहत एक करोड़ परिवारों को 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश से आवास उपलब्ध कराया जाएगा।

पूंजीगत व्यय के लिए 11.11 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। एनसीएलटी के आने से 3.3 लाख करोड़ रुपये कर्जदाताओं को लौटाए गए हैं। दिवाला समाधान प्रक्रिया को तेज करने के लिए नए न्यायाधिकरण गठित किए जाएंगे। ऊर्जा सुरक्षा और बदलाव के लिए एक नीतिगत दस्तावेज लाया जाएगा। पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना को अच्छी प्रतिक्रिया मिली है, जिसमें 1.8 करोड़ लोग पंजीकृत हो चुके हैं।

असम में बाढ़ नियंत्रण के लिए केंद्र वित्तीय समर्थन देगा, और बिहार में कोसी के लिए भी विशेष योजना बनाई जाएगी। प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना के तहत 5,000 रुपये का मासिक भत्ता प्रदान किया जाएगा।

30 लाख से अधिक आबादी वाले बड़े शहरों के लिए ‘ट्रांजिट’ आधारित विकास योजनाओं का प्रस्ताव रखा गया है। पर्यटन के क्षेत्र में, गया में विष्णुपाद मंदिर और बोधगया में महाबोधि मंदिर के आसपास गलियारा विकसित किया जाएगा। बिहार के पीरपैंती में 2,400 मेगावाट क्षमता का नया बिजलीघर स्थापित किया जाएगा।

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहरों के लिए 10 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। एनपीएस वात्सल्य योजना शुरू की जाएगी। आर्थिक वृद्धि को तेज करने के लिए सरकार अगली पीढ़ी के सुधार लाने के लिए एक नई आर्थिक नीति प्रारूप लाएगी।

सरकार 25 ग्रामीण बस्तियों में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के चौथे चरण का शुभारंभ करेगी। बाढ़ से निपटने के लिए बिहार को 11,500 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। बुनियादी ढांचा विकास में सहायता के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये के दीर्घकालिक ब्याज मुक्त ऋण का प्रस्ताव भी रखा गया है। बिहार में नालंदा को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा और शहरी क्षेत्रों में भूमि रिकॉर्ड को डिजिटल किया जाएगा, जिससे शहरी निकायों की वित्तीय स्थिति में सुधार होगा।

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