दिल्ली पुलिस ने अपने आरोप पत्र में खुलासा किया है कि मुख्यमंत्री आवास पर आम आदमी पार्टी (AAP) सांसद स्वाति मालीवाल पर कथित हमले के तुरंत बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी अपने करीबी सहयोगी बिभव कुमार के साथ मौजूद थे। पुलिस फिलहाल इस बात की जांच कर रही है कि क्या मुख्यमंत्री की आरोपियों से निकटता और उसके बाद AAP नेताओं की हरकतें इस हमले को छुपाने के समन्वित प्रयास का संकेत देती हैं। बिभव कुमार के खिलाफ दायर आरोपपत्र में दिल्ली पुलिस ने संकेत दिया है कि इस हमले के पीछे बड़ी साजिश हो सकती है।
पुलिस ने इस बात पर प्रकाश डाला कि घटना के बाद, AAP नेताओं आतिशी और संजय सिंह दोनों ने संभावित साजिश के बारे में सवाल उठाते हुए अपने बयान बदल दिए। हमले के एक दिन बाद, 14 मई को संजय सिंह ने सार्वजनिक रूप से बिभव कुमार की हरकतों की निंदा की और कड़ी कार्रवाई का वादा किया। हालांकि, तीन दिन बाद, आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मालीवाल के आरोपों को खारिज कर दिया। 72 घंटों के भीतर रुख में अचानक आए इस बदलाव ने पुलिस को यह जांच करने के लिए प्रेरित किया कि क्या इन विरोधाभासी रुख के पीछे कोई परामर्श या साजिश थी।
अपने पूरक बयान में, स्वाति मालीवाल ने AAP नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा बिभव कुमार को मिल रहे एकजुट समर्थन का हवाला देते हुए एक बड़ी साजिश की आशंका जताई। उन्होंने पुलिस से इस पहलू का पता लगाने का आग्रह किया, यह सुझाव देते हुए कि कुमार को पार्टी का समर्थन उन्हें कमजोर करने के एक सुनियोजित प्रयास का संकेत देता है। चश्मदीदों के बयान और आरोपपत्र पर दिए गए बयान हमले की गंभीर तस्वीर पेश करते हैं। कथित तौर पर, मालीवाल को बिभव कुमार द्वारा बेरहमी से पिटाई का सामना करना पड़ा, जिसने कथित तौर पर उसे कई थप्पड़ मारे, उसे कमरे में घसीटा और बार-बार लात मारी। एक ऑटो चालक ने कहा कि मालीवाल काफी व्यथित थीं और फोन पर अपनी आपबीती बताते हुए रो रही थीं।
निष्कर्ष:दिल्ली पुलिस की चार्जशीट ने इस मामले को एक नई दिशा दी है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि हमले के पीछे एक बड़ी साजिश हो सकती है। अब देखना होगा कि इस मामले में आगे क्या खुलासे होते हैं और क्या कार्रवाई की जाती है।