कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के बाद, कोलकाता पुलिस से जांच का जिम्मा स्थानांतरित करते हुए सीबीआई ने मामले की जांच अपने हाथ में ले ली है। पश्चिम बंगाल के एक सरकारी अस्पताल में महिला चिकित्सक के साथ कथित दुष्कर्म और हत्या की इस गंभीर घटना की जांच के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) के वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम सुबह कोलकाता पहुंची। सीबीआई की टीम ने पुलिस से आरोपियों और गवाहों के बयान समेत सभी महत्वपूर्ण दस्तावेज ले लिए हैं। इस टीम में स्वास्थ्य और फोरेंसिक विशेषज्ञ भी शामिल हैं, जो जांच को और अधिक व्यापक और सटीक बनाने के लिए जुट गए हैं।
अदालत ने कोलकाता पुलिस को आदेश दिया था कि शाम तक मामले का संपूर्ण विवरण सीबीआई को सौंप दिया जाए, साथ ही अन्य सभी दस्तावेज 14 अगस्त की सुबह 10 बजे तक जांच एजेंसी को प्रदान किए जाएं। कोर्ट ने इस मामले में शहर पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज करने और पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष का बयान दर्ज करने में देरी पर भी चिंता जताई थी।
इस घटना को लेकर फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) ने अपनी अनिश्चितकालीन हड़ताल वापस ले ली है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा द्वारा उनकी मांगों पर कार्रवाई का आश्वासन मिलने के बाद, FORDA ने इस निर्णय की घोषणा की। हालांकि, फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (FAIMA) सहित अन्य डॉक्टर संघों ने कहा है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं और कोई ठोस समाधान नहीं निकलता, तब तक उनकी हड़ताल जारी रहेगी।
मृत महिला डॉक्टर के परिवार ने आरोप लगाया है कि उनकी बेटी का शव दिखाने से पहले उन्हें तीन घंटे तक इंतजार कराया गया था, जिससे उनकी नाराजगी और बढ़ गई। बीजेपी ने इस मामले को लेकर आरोप लगाया है कि यह देरी अपराधियों को बचाने की कोशिश हो सकती है। पार्टी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से भी सवाल किया है कि उन्होंने पुलिस को समयसीमा देने और मामले को सीबीआई को सौंपने में इतनी देरी क्यों की। बीजेपी ने यह भी आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री किसी को बचाने की कोशिश कर रही हैं।
इस मामले में सीबीआई की सक्रियता से जांच में तेजी आने की उम्मीद है। अब देखना होगा कि इस जांच से क्या नए तथ्य सामने आते हैं और किस तरह से दोषियों को न्याय के कटघरे में खड़ा किया जाता है।