पत्नी- जरा किचन से आलू लेते आना।
पति- यहां तो कहीं आलू दिख नहीं रहे हैं।
पत्नी- तुम तो हो ही अंधे, कामचोर हो। एक काम ढंग से नहीं कर सकते,
मुझे पता था कि तुम्हें नहीं मिलेंगे, इसलिए में पहले ही ले आई थी!
अब आदमी की कोई गलती हो तो बताओ…
घर जमाई- आज से मैं रोटी नहीं चावल खाऊंगा।
साथ- ऐसा क्यों?
घर जमाई- मोहल्ले वालों के ताने सुनकर थक गया हूं, रोज कहते हैं कि मैं ससुराल वालों की रोटी तोड़ता हूं।
साथ- ऐसा क्यों?
घर जमाई- मोहल्ले वालों के ताने सुनकर थक गया हूं, रोज कहते हैं कि मैं ससुराल वालों की रोटी तोड़ता हूं।