दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने आबकारी नीति मामले में सीबीआई केस में केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 27 अगस्त 2024 तक बढ़ा दी है। इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया था और उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर जांच एजेंसी से जवाब मांगा था।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भूइयां की पीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान, केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि उन्हें इस मामले में तीन बार अंतरिम जमानत मिली है। उन्होंने धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत मामलों में जमानत दिए जाने की कठोर शर्तों का भी हवाला दिया। सिंघवी ने निचली अदालत द्वारा 20 जून को दी गई नियमित जमानत और 10 मई और 12 जुलाई को उच्चतम न्यायालय द्वारा पारित अंतरिम जमानत आदेशों का उल्लेख किया।
सिंघवी ने दलील दी कि जब केजरीवाल को पीएमएलए के तहत कठोर शर्तों के बावजूद जमानत दी जा सकती है, तो सीबीआई के मामले में भी उन्हें जमानत देने से इनकार नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि भ्रष्टाचार रोकथाम कानून में इतने कठोर प्रावधान नहीं हैं। सिंघवी ने यह भी कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने मौखिक रूप से निचली अदालत के आदेश पर रोक लगाई थी।