सुप्रीम कोर्ट में पश्चिम बंगाल सरकार के वकील कपिल सिब्बल की हंसी ने एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। यह घटना तब हुई जब न्यायमूर्ति पारदीवाला ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुए बलात्कार और हत्या मामले में राज्य मशीनरी की कार्यवाही पर गंभीर चिंता जताई। सुनवाई के दौरान सिब्बल की हंसी ने सबका ध्यान खींचा, खासकर जब न्यायमूर्ति पारदीवाला ने पश्चिम बंगाल सरकार की मामले के प्रबंधन पर सवाल उठाए।
सीबीआई की ओर से उपस्थित सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सिब्बल से संयम बरतने का अनुरोध करते हुए कहा, “किसी ने अपनी जान गंवाई है, कम से कम मत हंसो।” इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। भाजपा नेता अमित मालवीय ने इस वीडियो को साझा करते हुए सिब्बल की ‘पूर्ण असंवेदनशीलता’ की कड़ी आलोचना की।
सुनवाई के दौरान, मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने भी कपिल सिब्बल को फटकार लगाते हुए कहा कि बंगाल का यह रेप कांड एक बेहद गंभीर मामला है, और ऐसे संवेदनशील मुद्दे राजनीति के लिए नहीं होते हैं। उन्होंने सिब्बल से पूछा, “आप सुनवाई के दौरान हंस रहे थे, यह आपको शोभा देता है क्या?”
मालवीय ने ट्वीट कर ममता बनर्जी और उनकी सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाली कानूनी टीम की इस घटना के प्रति असंवेदनशीलता पर भी सवाल उठाया। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को सिब्बल को याद दिलाना पड़ा कि यह मामला बहुत गंभीर है। सीबीआई ने अदालत को बताया कि जब तक जांच एजेंसी को यह मामला सौंपा गया, तब तक ‘सब कुछ बदल दिया गया था।’