कोलकाता में बलात्कार और हत्या के आरोपी संजय रॉय को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। अदालत ने यह फैसला उसकी गिरफ्तारी के बाद सुनाया, जो इस जघन्य अपराध से जुड़ी थी। 10 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सेमिनार हॉल से 31 वर्षीय डॉक्टर का अर्धनग्न शव बरामद हुआ था। इस घटना के लगभग 24 घंटे बाद, 33 वर्षीय संजय रॉय को बलात्कार और हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
संजय रॉय, जो एक नागरिक स्वयंसेवक के रूप में पहचाना गया है, सरकारी अस्पताल में अक्सर आता-जाता था। पुलिस के अनुसार, उसने पोस्टग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर के यौन उत्पीड़न और हत्या की बात स्वीकार की है। इस मामले ने सोशल मीडिया पर भी भारी चर्चा को जन्म दिया, जहां अफ़वाहें और आधी-अधूरी सच्चाइयां तेजी से फैल गईं, जिससे संजय रॉय की एक बलात्कारी-हत्यारे की छवि बन गई। कुछ रिपोर्टों में कहा गया कि रॉय ने चार बार शादी की थी, जबकि अन्य रिपोर्टों में दावा किया गया कि वह पोर्न देखने का आदी था और अक्सर वेश्याओं के पास जाता था।
कोलकाता की एक विशेष अदालत ने इस मामले की जांच कर रहे केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को आर.जी. कर अस्पताल के पूर्व प्रधानाचार्य संदीप घोष और चार अन्य चिकित्सकों की ‘पॉलीग्राफ’ जांच कराने की अनुमति दे दी है। सीबीआई ने घटना के दिन ड्यूटी पर मौजूद चार कनिष्ठ चिकित्सकों की भी ‘पॉलीग्राफ’ जांच कराने की अनुमति मांगी थी, जिसे अदालत ने मंजूर कर लिया।