छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने की घटना में हालिया अपडेट के अनुसार, ठेकेदार जयदीप आप्टे और संरचनात्मक सलाहकार चेतन पाटिल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की कई धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। यह घटना 26 अगस्त को महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले के मालवन स्थित राजकोट किले में हुई। यह 35 फीट ऊंची मूर्ति, जिसका अनावरण पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था, दोपहर करीब 1 बजे गिर गई।
एफआईआर लोक निर्माण विभाग (PWD) की शिकायत पर दर्ज की गई, जिसमें आरोप लगाया गया है कि मूर्ति का निर्माण घटिया सामग्री से किया गया था और संरचना में इस्तेमाल किए गए नट और बोल्ट जंग लगे हुए थे।
महाराष्ट्र के मंत्री दीपक केसरकर ने घटनास्थल का दौरा किया और इसे एक दुर्घटना बताया। उन्होंने कहा, “यह मूर्ति नौसेना द्वारा स्थापित की गई थी और प्रधानमंत्री की उपस्थिति में तेजी से काम पूरा किया गया था। यह एक अवसर है कि अरब सागर में छत्रपति शिवाजी महाराज की एक बड़ी मूर्ति बनाई जा रही थी, जो पूरे भारत के लिए एक आकर्षण का केंद्र बन सकती थी।”
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने घटना की निंदा की और अधिकारियों से घटनास्थल का दौरा कर जांच करने का आदेश दिया। उन्होंने कहा, “यह घटना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। छत्रपति शिवाजी महाराज महाराष्ट्र के पूज्य देवता हैं। तेज हवाओं के कारण मूर्ति गिर गई और क्षतिग्रस्त हो गई। हम इस घटना के कारणों की जांच करेंगे और मूर्ति को फिर से स्थापित करेंगे।”
इस घटना से जुड़े राहत कार्य और जांच की प्रक्रिया जारी है, और सरकार द्वारा घटना की गंभीरता को देखते हुए उचित कदम उठाए जा रहे हैं।