भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पूर्णकालिक सदस्य अश्विनी भाटिया ने शुक्रवार को घोषणा की कि पूंजी बाजार नियामक एसएमई आईपीओ की निगरानी करने वाले नियमों को कड़ा करने की तैयारी कर रहा है।
यह घोषणा तब आई जब सेबी ने हाल ही में निवेशकों को कई लघु एवं मझोले उद्यमों (एसएमई) के भ्रामक कारोबारी अनुमानों के बारे में सचेत किया था। भाटिया ने वार्षिक जीएफएफ (ग्लोबल फिनटेक फेस्ट) के दौरान कहा कि इस वर्ष के अंत से पहले इस पहलू पर एक परिचर्चा पत्र लाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इन बदलावों में बेहतर निगरानी और लेखा परीक्षकों के कार्यों पर कड़ी जांच शामिल हो सकती है। भाटिया ने कहा कि यदि चार्टर्ड अकाउंटेंट्स (सीए) अपनी जिम्मेदारी के साथ काम करें, तो कई समस्याओं से बचा जा सकता है।
भाटिया ने यह भी बताया कि इस वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों में प्राथमिक निर्गम 2 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है, जबकि पिछले पूरे वित्त वर्ष 2023-24 में यह आंकड़ा 1.97 लाख करोड़ रुपये था।
सेबी के इस कदम से एसएमई आईपीओ में पारदर्शिता और निवेशकों की सुरक्षा को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।