भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) को लेकर एक बार फिर से नई समस्याएं उठ रही हैं। SEBI की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच पर हालिया आरोपों और विवादों के बीच, अब SEBI के कर्मचारियों ने वित्त मंत्रालय से एक नई शिकायत की है।
SEBI के अधिकारियों ने वित्त मंत्रालय को पत्र भेजकर कहा है कि माधवी पुरी बुच के अधीन कार्य स्थल पर एक टॉक्सिक वर्क कल्चर व्याप्त है। पत्र में आरोप लगाया गया है कि नेतृत्व ने कठोर भाषा का प्रयोग किया, अवास्तविक लक्ष्य निर्धारित किए, और सूक्ष्म प्रबंधन की नीति अपनाई।
इकनोमिक टाइम्स के अनुसार, यह पत्र 6 अगस्त को लिखा गया था और शिकायतें पिछले महीने की गई थीं। पत्र में कहा गया है कि “बैठकों में चिल्लाना, डांटना, और सार्वजनिक रूप से अपमानित करना आम हो गया है।”
पत्र के अनुसार, नेतृत्व टीम के सदस्य के प्रति “कठोर और गैर-पेशेवर भाषा” का उपयोग किया जाता है और उनकी “मिनट-दर-मिनट गतिविधि” पर निगरानी रखी जाती है। साथ ही, “अवास्तविक कार्य लक्ष्य” थोपे जाते हैं, जिससे कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ा है और कार्य-जीवन संतुलन बिगड़ गया है।
SEBI ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि “कार्य वातावरण के संबंध में, समीक्षा बैठकों का प्रारूप बदल दिया गया है।”
पत्र में यह भी कहा गया है कि “कर्मचारी रोबोट नहीं हैं, जिन्हें घुंडी घुमा कर आउटपुट बढ़ाया जा सके।” वरिष्ठ प्रबंधन द्वारा “गैर-पेशेवर भाषा” के प्रयोग और कर्मचारियों के प्रति अविश्वास बढ़ने का आरोप लगाया गया है।
अधिकारियों ने यह भी कहा कि “सेबी के नेतृत्व को कर्मचारियों के प्रति बेहतर मानव प्रबंधन और प्रेरणा के तरीके अपनाने की आवश्यकता है,” और “इस प्रकार के दबाव को समाप्त किया जाना चाहिए।”