प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज प्रथम अंतर्राष्ट्रीय सौर महोत्सव को संबोधित किया और इस अद्वितीय पहल के लिए अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह सौर महोत्सव सूर्य की शक्ति का जश्न मनाने और पूरे विश्व को हरित ऊर्जा के लिए एकजुट करने का प्रयास है। यह एक ऐसा महोत्सव है जो हमें एक बेहतर और स्थायी भविष्य की दिशा में प्रेरित करेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 2015 में ISA की शुरुआत एक छोटे पौधे के रूप में हुई थी और आज यह संगठन 100 से अधिक देशों की भागीदारी के साथ एक विशाल वृक्ष बन गया है। ISA के विस्तार से “एक विश्व, एक सूर्य, एक ग्रिड” के दृष्टिकोण को बल मिला है, जिससे ऊर्जा क्षेत्र में वैश्विक एकता को प्रोत्साहन मिला है। इसके अलावा, 90 और देश ISA में शामिल होने के लिए रूपरेखा समझौते पर हस्ताक्षर कर रहे हैं।
मोदी ने कहा कि भारत ने पिछले कुछ वर्षों में हरित ऊर्जा के क्षेत्र में बड़े कदम उठाए हैं। भारत, G20 देशों में से पहला है जिसने पेरिस समझौते के तहत अपनी नवीकरणीय ऊर्जा प्रतिबद्धताओं को पूरा किया है। पिछले 10 वर्षों में भारत की सौर ऊर्जा क्षमता में 33 गुना वृद्धि हुई है, जिससे 2030 तक 500 गीगावॉट गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता हासिल करने का लक्ष्य हासिल किया जा सकेगा।
प्रधानमंत्री ने सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए जागरूकता, उपलब्धता और सामर्थ्य को महत्वपूर्ण मंत्र बताया। उन्होंने कहा कि भारत ने सौर ऊर्जा में घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहित करते हुए टिकाऊ ऊर्जा संसाधनों की आवश्यकता के प्रति जागरूकता बढ़ाई है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत हरित भविष्य के निर्माण के लिए वैश्विक स्तर पर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। G20 के दौरान ग्लोबल बायोफ्यूल्स एलायंस की स्थापना इसका एक उदाहरण है, और भारत इस दिशा में सभी प्रयासों का समर्थन करेगा।