देश की राजनीति इन दिनों एक अलग रंग में नजर आ रही है। पिछले 48 घंटों में दो बड़े राज्य के मुख्यमंत्री बैकफुट पर हैं और इस्तीफे की बात करने लगे हैं। अरविंद केजरीवाल और ममता बनर्जी, दोनों ही नेता अब खुद अपनी कुर्सी छोड़ने की बात कर रहे हैं। यह घटनाक्रम भारतीय राजनीति में एक नया मोड़ दर्शाता है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने इस्तीफे का ऐलान कर दिया है। उन्होंने कहा कि वह दो दिन के भीतर इस्तीफा दे देंगे। यह घोषणा भाजपा और उनके समर्थकों के लिए एक बड़ा मोड़ साबित हो रही है। हाल ही में दिल्ली में चल रहे राजनीतिक विवादों और अदालत के फैसलों के बाद केजरीवाल ने यह बड़ा कदम उठाने का फैसला किया है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी बैकफुट पर नजर आ रही हैं। कोलकाता में चल रहे डॉक्टर्स के प्रदर्शन के बीच ममता बनर्जी ने इस्तीफा देने की बात कही है। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि लोगों की खातिर वह इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं। यह बयान उनके बड़े वोट बैंक, खासकर महिलाओं, को प्रभावित करने की एक कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।
कोलकाता रेप मर्डर केस और डॉक्टर्स के धरने के चलते ममता बनर्जी पर भारी दबाव है। ममता चाहती थीं कि डॉक्टरों से बातचीत बंद कमरे में हो, लेकिन डॉक्टरों ने लाइव स्ट्रीमिंग की मांग रखी, जिससे स्थिति जटिल हो गई। ममता बनर्जी ने एक भावुक बयान देते हुए इस्तीफे की पेशकश की, ताकि वह जनता के सामने अपनी छवि को बनाए रख सकें।
अरविंद केजरीवाल, जिन्होंने तिहाड़ जेल में छह महीने बिताए, अब दो दिन के भीतर इस्तीफा देने की बात कर रहे हैं। उन्होंने नवंबर में चुनाव कराने की भी बात की है, जो उनके राजनीतिक करियर के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
दो बड़े नेताओं के इस्तीफे की घोषणा यह संकेत देती है कि भारतीय राजनीति में बड़ा बदलाव हो सकता है। इन घटनाक्रमों से यह साफ हो गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोधी नेता बैकफुट पर आ गए हैं, और अब देखना यह है कि आगे की राजनीति किस दिशा में जाती है।