दुनिया में पहली बार ऐसा खतरनाक हमला हुआ है जिसे लेकर किसी ने सोचा भी नहीं होगा। एक साथ हजारों धमाके हुए, जिससे 3,000 लोग घायल हो गए और 11 लोगों की मौत हो गई। हैरानी की बात यह है कि जो मरे और घायल हुए, वे सभी अपनी जेब में धमाके का सामान लेकर घूम रहे थे। इन धमाकों की कमांड दूर बैठे किसी व्यक्ति ने कंप्यूटर से दी और धड़ाधड़ विस्फोट शुरू हो गए।
इन धमाकों में इस्तेमाल किए गए पेजर्स वही हैं जो 90 के दशक में भारत में काफी पॉपुलर थे। इनका इस्तेमाल संदेश भेजने और प्राप्त करने के लिए किया जाता था, लेकिन धीरे-धीरे मोबाइल फोन ने इनकी जगह ले ली। अब, इन पेजर्स ने हिजबुल्ला आतंकियों की धज्जियां उड़ा दी हैं। इस बड़े हमले में ईरान का राजदूत भी घायल हो गया और उसकी एक आंख भी खराब हो गई।
कई लोग यह सवाल पूछ रहे हैं कि ईरान के राजदूत को पेजर इस्तेमाल करने की क्या जरूरत पड़ी, वह भी ऐसा पेजर जो हिजबुल्ला के आतंकियों ने खरीदा था। आरोप लगाया जा रहा है कि यह हमला इजरायल ने करवाया है। कुछ लोगों का कहना है कि इस हमले के माध्यम से इजरायल ने भारत का भी बदला लिया है।
इस हमले से ठीक पहले, ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामनेई ने भारत पर विवादित बयान दिया था। खामनेई ने कहा कि भारत में मुसलमानों का उत्पीड़न हो रहा है। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर यह बात कही और दुनियाभर के मुसलमानों के बीच एकजुटता की जरूरत बताई। खामनेई ने लिखा कि यदि हम म्यामार, गाजा, भारत या किसी अन्य स्थान पर मुस्लिमों की पीड़ा से बेखबर हैं तो हमें मुसलमान नहीं मानना चाहिए।
भारत में इजरायल के राजदूत रूवेन अजार ने खामनेई को टैग करते हुए लिखा कि खामनेई, तुम अपने ही लोगों के हत्यारे हो और उनका दमन करने वाले हो। इजरायल, भारत समेत सभी लोकतांत्रिक देशों में मुसलमान पूरी स्वतंत्रता के साथ रहते हैं, जबकि ईरान में लोगों का दमन होता है। अजार ने यह भी चेतावनी दी कि ईरान के लोगों को जल्द ही आजादी मिलने वाली है।
इससे स्पष्ट है कि ईरान और इजरायल के बीच चल रही राजनीतिक तनातनी ने इस हमले को और भी जटिल बना दिया है और इसके पीछे के कारणों को लेकर बहस तेज हो गई है।