ओडिशा के भरतपुर थाने में एक गंभीर मामला सामने आया है, जिसमें एक भारतीय सेना के कैप्टन की मंगेतर के साथ पुलिसकर्मियों द्वारा बर्बरता की गई। यह घटना तब हुई जब महिला और सैन्य अधिकारी अपने रेस्तरां को बंद करके घर लौट रहे थे।
महिला ने आरोप लगाया कि पुलिस थाने में उसके साथ यौन उत्पीड़न हुआ। उसने कहा, “हम मदद मांगने के लिए थाने पहुंचे, लेकिन वहां की महिला सिपाही ने हमारे साथ दुर्व्यवहार किया।” उच्च न्यायालय ने महिला को जमानत पर रिहा किया है, और उसने घटना के बारे में मीडिया से खुलकर बात की।
महिला ने बताया कि जब उसने और उसके दोस्त ने प्राथमिकी दर्ज कराने की कोशिश की, तो उन्हें निराशा का सामना करना पड़ा। महिला ने कहा, “जब मैंने कहा कि पुलिस अधिकारी को हिरासत में नहीं रखा जा सकता, तो दो महिला पुलिसकर्मियों ने मुझ पर हमला कर दिया।”
महिला का दावा है कि एक पुरुष अधिकारी ने उसे शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया और गंभीर अपमानजनक व्यवहार किया। उसने कहा, “मेरे साथ कई बार मारपीट की गई और मुझे मानसिक दबाव में रखा गया।”
इस मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए, राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने ओडिशा के डीजीपी से कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है। एनसीडब्ल्यू ने कहा कि उन्हें तीन दिनों के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है, और इस मामले में तात्कालिक अनुशासनात्मक कार्रवाई की उम्मीद की जा रही है।
यह घटना न केवल पुलिस के आचरण को सवालों के घेरे में लाती है, बल्कि यह महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर भी गंभीर चिंता पैदा करती है। जांच और उचित कार्रवाई की आवश्यकता है ताकि ऐसे मामलों में न्याय सुनिश्चित किया जा सके।