तिरुपति के प्रसिद्ध ‘लड्डू प्रसादम’ को लेकर हाल ही में जो खुलासा हुआ है, उसने सभी भक्तों को चौंका दिया है। इस विवाद के कारण विशेष रूप से शाकाहारी भक्तों में चिंता बढ़ गई है।
तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ने स्पष्ट किया है कि लड्डू की पवित्रता अब बहाल कर दी गई है। श्रद्धालुओं के बीच घी की गुणवत्ता को लेकर उठे सवालों के जवाब में टीटीडी ने यह आश्वासन दिया है।
इस बीच, भारतीय डेयरी ब्रांड अमूल ने कहा है कि उसने कभी भी तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) को घी की आपूर्ति नहीं की। अमूल के बयान में कहा गया है, “यह सोशल मीडिया पोस्ट के संदर्भ में है, जिसमें दावा किया गया था कि हमने टीटीडी को घी की आपूर्ति की है। यह सही नहीं है।”
अमूल ने अपने घी के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह उच्च गुणवत्ता वाले शुद्ध दूध वसा से बनाया जाता है, जो आईएसओ प्रमाणित संयंत्रों में उत्पादन किया जाता है। इसके दूध की गुणवत्ता भी एफएसएसएआई द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार सुनिश्चित की जाती है।
आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने आरोप लगाया था कि पिछली सरकार के दौरान तिरुपति लड्डू में पशु वसा का इस्तेमाल किया गया था। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, वर्तमान मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने कहा कि नायडू धार्मिक मामलों का राजनीतिकरण कर रहे हैं।
इस विवाद पर केरल कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से चुटीली टिप्पणियाँ की हैं, जिससे यह मामला और भी चर्चा का विषय बन गया है।
तिरुपति ‘लड्डू प्रसादम’ का यह विवाद श्रद्धालुओं की भावनाओं से जुड़ा हुआ है, और सभी की नजरें इस मामले पर हैं।