केंद्रीय वित्त मंत्री **निर्मला सीतारमण** को एक विशेष अदालत से झटका लगा है। बेंगलुरु की तिलक नगर पुलिस को चुनावी बांड के संदर्भ में कथित तौर पर धमकी देने के लिए उनके खिलाफ मामला दर्ज करने का निर्देश दिया गया है।
जनाधिकार संघर्ष परिषद और उसके अध्यक्ष **आदर्श अय्यर** ने तिलक नगर पुलिस में इस संदर्भ में शिकायत दर्ज कराई थी। हालांकि, तिलक नगर पुलिस ने इस शिकायत को लेने पर आपत्ति जताई। इसके चलते, पिछले साल अप्रैल में विधानमंडल प्रतिनिधियों की अदालत में याचिका दायर की गई थी।
कोर्ट ने शुक्रवार को इस याचिका पर सुनवाई की और केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण के खिलाफ **एफआईआर** दर्ज करने का आदेश दिया। इसके बाद, कोर्ट ने मामले की सुनवाई **10 अक्टूबर** तक स्थगित कर दी। इस मामले में निर्मला सीतारमण के अलावा, ईडी के वरिष्ठ अधिकारी, बीजेपी अध्यक्ष **जेपी नड्डा**, कर्नाटक बीजेपी के प्रमुख **नलिनी कुमार काथिल** और **विजयेंद्र** के खिलाफ भी पुलिस में शिकायत दर्ज की गई है।
इससे पहले, फरवरी में सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बांड योजना को **”असंवैधानिक”** बताते हुए रद्द कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि यह नागरिकों के सूचना के अधिकार का उल्लंघन करता है। केंद्र ने 2018 में इस योजना की शुरुआत की थी, जिसका उद्देश्य राजनीतिक दलों को नकद दान के बजाय पारदर्शिता बढ़ाने के लिए एक वैकल्पिक स्रोत प्रदान करना था।
इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए, कर्नाटक के मुख्यमंत्री **सिद्धारमैया** ने निर्मला सीतारमण के इस्तीफे की मांग की और कहा कि मामले में एक रिपोर्ट तीन महीने के भीतर प्रस्तुत की जानी चाहिए।