बिहार में नदियों ने रौद्र रूप धारण कर लिया है, जिससे लोगों की जिंदगी पर संकट आ गया है। कई नदियों के उफान ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है, और चारों ओर हाहाकार मचा हुआ है। लोग अपनी जान बचाने के लिए विभिन्न उपाय कर रहे हैं, लेकिन 13 जिलों में माहौल अत्यंत डरावना है।
मुजफ्फरपुर के कटरा स्थित बकुची पावर प्लांट में भी बाढ़ का पानी घुस गया है। अधिकारियों का कहना है कि नदियों के तटबंधों के टूटने के कारण पावर प्लांट में पानी भर गया। यह स्थिति भारत-नेपाल सीमा पर बने गांवों पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है।
सीतामढ़ी के गांव में बागमती नदी के तटबंध में पानी का स्तर बढ़ने के कारण दरार आ गई है। पश्चिम चंपारण में भी बाढ़ का दबाव काफी बढ़ गया है, जिससे यहां व्यापक नुकसान हुआ है। बाढ़ का पानी वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में भी घुस गया है।
बिहार में पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश हो रही है, जिसके कारण गंडक, कोसी, बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला बलान, महानंदा, और गंगा नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है। इस बाढ़ ने लोगों के जीवन पर गहरा असर डाला है, और स्थिति गंभीर बनी हुई है।
इसलिए, बिहार के नागरिकों को सतर्क रहने की आवश्यकता है और सरकार से मदद की उम्मीद है।