हरियाणा विधानसभा चुनाव का समय नजदीक आ रहा है, और कांग्रेस नेता राहुल गांधी 3 अक्टूबर को राज्य में दो महत्वपूर्ण रैलियां करेंगे। ये रैलियां चुनाव प्रचार के अंतिम दिन होंगी, क्योंकि 5 अक्टूबर को मतदान होना है।
राहुल गांधी अपनी पहली रैली नूंह में करेंगे, जिसे “विजय संकल्प रैली” कहा जा रहा है। यह रैली उनके चुनाव अभियान की शुरुआत मानी जा रही है। नूंह, हाल के दंगों और अस्थिरता के कारण सुर्खियों में रहा है। कांग्रेस के उम्मीदवार आफताब अहमद ने 2019 में इस सीट पर जीत दर्ज की थी, जबकि भाजपा ने संजय सिंह को उम्मीदवार बनाया है, जो पिछले चुनाव में सोहना सीट से विजयी रहे थे।
राहुल गांधी नूंह के बाद महेंद्रगढ़ में दूसरी सभा करेंगे। यह रैली भी 5 अक्टूबर के मतदान से पहले कांग्रेस के लिए जनसमर्थन जुटाने का अंतिम प्रयास होगी।
भाजपा, कांग्रेस, जेजेपी, इनेलो, आप, और बसपा जैसे प्रमुख दलों के वरिष्ठ नेता चुनाव प्रचार के अंतिम दिनों में समर्थन जुटाने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं। हरियाणा की राजनीति में ये चुनाव महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं, खासकर 2019 के विधानसभा चुनावों के परिणामों के बाद, जहां भाजपा ने 40 सीटें हासिल की थीं और कांग्रेस ने 30 सीटें जीती थीं।
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने राहुल गांधी के हरियाणा दौरे पर कटाक्ष करते हुए कहा कि “राहुल गांधी, जिन्होंने विदेश में आरक्षण विरोधी टिप्पणी की थी, अब हरियाणा आ रहे हैं।” उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने पिछले एक दशक में राज्य का सर्वांगीण विकास किया है, और राहुल गांधी के दौरे को “राजनीतिक पर्यटन” करार दिया।
उन्होंने कहा, “हरियाणा के युवा, दलित, किसान और महिलाएं राहुल गांधी से कई सवाल पूछेंगे, जैसे हुड्डा सरकार के दौरान हुई अनियमितताओं, आरक्षण विरोध, और किसानों के अधिकारों से जुड़े मुद्दों पर उनकी चुप्पी।”
हरियाणा में 5 अक्टूबर को 90 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव के लिए मतदान होगा, जबकि मतगणना 8 अक्टूबर को होगी। चुनाव प्रचार के इन अंतिम दिनों में सभी प्रमुख दल अपनी पूरी ताकत झोंक रहे हैं, और राहुल गांधी की रैलियों से कांग्रेस को कितनी बढ़त मिलेगी, यह देखना दिलचस्प होगा।