हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को मिली शिकस्त ने उसे एक बड़ा झटका दिया है। पार्टी के नेताओं को हार की उम्मीद नहीं थी, और चुनाव को लेकर उनका आत्मविश्वास इतना ऊँचा था कि चुनाव आयोग को भी यह समझ में नहीं आ रहा था कि हरियाणा में चुनाव कराना चाहिए या नहीं।
हरियाणा के अगले मुख्यमंत्री बनने की होड़ में भूपेंद्र हुड्डा और कुमारी शैलेजा के बीच तीखी खींचतान चल रही थी। लेकिन नतीजों ने सब कुछ बदल दिया, जिससे कांग्रेस बीजेपी के सामने सीधे मुकाबले में कमजोर साबित हुई। पिछले कुछ वर्षों से यह ट्रेंड लगातार चल रहा है, और इस हार ने कांग्रेस के बढ़ते ग्राफ पर अंकुश लगा दिया है।
कांग्रेस की हार के बाद कई चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। वरिष्ठ पत्रकार अशोक वानखेड़े ने कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि हरियाणा को अय्याशी का अड्डा बना दिया गया है। उन्होंने टिकट वितरण में कास्टिंग काउच का आरोप लगाते हुए सवाल किया कि क्या वेणुगोपाल की महिला सहयोगी को टिकट देने के पीछे कोई कारण था।
इस मामले में बीजेपी हमलावर हो गई है। बीजेपी मीडिया सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि अशोक वानखेड़े ने केसी वेणुगोपाल के खिलाफ कास्टिंग काउच के आरोप पर कायम हैं। कांग्रेस की चुप्पी इन आरोपों को वैधता प्रदान कर रही है। इससे पहले, कांग्रेस की पूर्व विधायक शारदा राठौड़ ने भी कास्टिंग काउच की पुष्टि की थी।
गांधी के करीबी संगठन महासचिव की स्थितिहरियाणा में मिली करारी शिकस्त के बाद कांग्रेस पार्टी के नेता केसी वेणुगोपाल पर सवाल उठाए जा रहे हैं। पार्टी के नेता रणदीप सुरजेवाला का कहना है कि राहुल गांधी के करीबी संगठन महासचिव इस पद पर पांच साल पार कर चुके हैं। अब चिंतन शिविर में तय किए गए नियमों के आधार पर फैसला होना चाहिए।
इस प्रकार, हरियाणा चुनाव के परिणाम और केसी वेणुगोपाल पर लगे आरोपों ने कांग्रेस पार्टी की स्थिति को और कमजोर कर दिया है।