रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को दार्जिलिंग में सेना के जवानों के साथ विजयादशमी का पर्व मनाया और शस्त्र पूजा की। इस अवसर पर उन्होंने जवानों के माथे पर तिलक भी लगाया। उन्होंने कहा, “मैं आप सभी को और आपके परिवारों को विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। मुझे खुशी है कि मुझे यहां आप सभी के बीच शस्त्र पूजा करने का अवसर मिला। भारत उन गिने-चुने देशों में से है जहां हम शास्त्रों की पूजा करते हैं और उनका सम्मान करते हैं।”
राजनाथ सिंह ने शस्त्र पूजा के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यह सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि हमारे काम और उपकरणों के प्रति सम्मान की भावना है। उन्होंने कहा, “हमारी संस्कृति में किसी भी चीज़ का उपयोग करने से पहले उसकी पूजा करने की परंपरा है। जैसे दिवाली और वसंत पंचमी पर छात्र अपनी किताबों और स्याही की पूजा करते हैं, वैसे ही किसान और संगीतकार भी अपने उपकरणों की पूजा करते हैं।”
रक्षा मंत्री ने विजयादशमी के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, “आज का दिन विजय का प्रतीक है, जिस दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था। यह केवल राक्षसों पर नहीं, बल्कि मानवता की जीत थी। हमारे सैनिकों ने कभी किसी देश पर बिना कारण हमला नहीं किया, केवल तब जब हमारी संस्कृति का अपमान हुआ।”
राजनाथ सिंह ने जवानों के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए कहा कि भारतीय सेना ने हमेशा देश की रक्षा के लिए अपने कर्तव्यों को सर्वोच्च रखा है। इस अवसर पर उन्होंने सभी सैनिकों और उनके परिवारों को विजयादशमी की शुभकामनाएं दीं।