पाकिस्तान को लंबे समय से जिस पल का इंतजार था, वह आखिरकार आ गया है। 9 साल के अंतराल के बाद, पहली बार भारतीय प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान की सरजमीं पर उतरा है। शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में हिस्सा लेने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर का प्रतिनिधिमंडल पहले ही पाकिस्तान पहुंच चुका है।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल की तैयारियाँ पाकिस्तान में शुरू हो चुकी हैं। एससीओ बैठक से पहले, पाकिस्तान में इस बैठक को लेकर उत्साह का माहौल है। हालांकि, भारत के विदेश मंत्री जयशंकर ने स्पष्ट किया है कि वह द्विपक्षीय बातचीत के लिए नहीं जा रहे हैं। इस पर पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने नाउम्मीदी के साथ प्रतिक्रिया दी है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मुमताज बलोच ने भी कहा कि विदेश मंत्री जयशंकर अपना जवाब दे चुके हैं, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच कोई बातचीत नहीं होगी। फिर भी, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ द्विपक्षीय बातचीत को लेकर बेकरार हैं। इस्लामाबाद में मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शहबाज का शेड्यूल विभिन्न देशों के साथ द्विपक्षीय चर्चाओं का उल्लेख करता है।
पाकिस्तान लंबे समय से भारत के साथ विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की पैरवी कर रहा है। व्यापार को लेकर पाकिस्तान बेहद चिंतित है, क्योंकि उसकी स्थिति अब तक के सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। इसी कारण, पाकिस्तान उम्मीद कर रहा है कि किसी तरह मुलाकात के जरिए दोनों देशों के बीच के तनाव को कम किया जा सके।
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) एक स्थायी अंतरसरकारी अंतरराष्ट्रीय संगठन है, जिसकी स्थापना 15 जून 2001 को शंघाई, चीन में की गई थी। 2017 में भारत और पाकिस्तान के शामिल होने के साथ, इसका विस्तार नौ देशों तक हो गया। एससीओ एक प्रभावशाली आर्थिक और सुरक्षा ब्लॉक है, जो यूरेशियन क्षेत्र में सुरक्षा और आर्थिक सहयोग पर केंद्रित है।