जम्मू-कश्मीर में चुनावों से पहले हालात लगातार तनावपूर्ण बने हुए थे। आतंकवादियों ने पाकिस्तान के साथ मिलकर घाटी में कई बड़ी वारदातों को अंजाम दिया। हालांकि, भारतीय सेना, सुरक्षा बलों और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए कई बड़ी आतंकी साजिशों को नाकाम कर दिया। अगर सुरक्षा बलों ने चौकसी न दिखाई होती, तो घाटी में आतंक की घटनाओं की संख्या और बढ़ सकती थी।
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के बारामुल्ला जिले में एक संयुक्त अभियान के दौरान सशस्त्र बलों ने एक भारी हथियारों से लैस आतंकवादी को मार गिराया। आतंकवादी के पास से AK-47 राइफल, पिस्तौल और अन्य गोला-बारूद बरामद किए गए। सुरक्षा बलों ने मौके से 01xAK राइफल, 02xAK मैगज़ीन, 57xAK राउंड, 02xपिस्तौल, 03xपिस्तौल मैगज़ीन और अन्य युद्ध जैसी सामग्री जब्त की।
भारतीय सेना ने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि इस कार्रवाई का नाम ‘ऑपरेशन रॉक बारामुल्ला’ रखा गया। यह अभियान उरी, बारामुल्ला के सामान्य क्षेत्र में LOC के पास चलाया गया था। खुफिया जानकारी के आधार पर सुरक्षा बलों ने संदिग्ध गतिविधि को देखते ही आतंकवादियों को चुनौती दी। आतंकियों ने अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी, जिसका सेना ने प्रभावी जवाब दिया और एक आतंकवादी को मार गिराया।
इस बीच, जम्मू-कश्मीर के गंदेरबल जिले में श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक सुरंग निर्माण स्थल पर आतंकवादियों ने हमला किया, जिसमें एक डॉक्टर और छह मजदूरों की मौत हो गई। आतंकियों ने देर शाम सुरंग परियोजना पर काम कर रहे मजदूरों पर अंधाधुंध फायरिंग की। इस हमले में स्थानीय और गैर-स्थानीय दोनों मजदूर मारे गए।
सुरक्षा बलों ने बारामुल्ला के उरी सेक्टर में भी घुसपैठ की एक बड़ी साजिश को नाकाम कर दिया। उरी के कमलकोट इलाके में संदिग्ध हलचल देखते ही जवानों ने घुसपैठियों को चुनौती दी। जवाबी कार्रवाई में एक आतंकवादी मारा गया, हालांकि दुर्गम इलाका होने के कारण उसका शव बरामद नहीं किया जा सका है।