नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कज़ान यात्रा से पहले विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी है कि रूसी सेना में धोखे से भर्ती किए गए कम से कम 85 भारतीयों को रिहा कर दिया गया है। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने प्रेस वार्ता में बताया कि अब भी 20 भारतीय रूसी सेना में फंसे हुए हैं, जिनकी जल्द रिहाई के प्रयास किए जा रहे हैं। इस मामले को नई दिल्ली ने मॉस्को के समक्ष उठाया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22-23 अक्टूबर 2024 को रूस का दौरा करेंगे। वे कज़ान में आयोजित 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इस शिखर सम्मेलन में संस्थापक सदस्य देशों के साथ नए सदस्य भी भाग लेंगे। 22 अक्टूबर को नेताओं के लिए रात्रिभोज आयोजित किया जाएगा, जबकि 23 अक्टूबर को दो मुख्य सत्र होंगे। प्रधानमंत्री मोदी शिखर सम्मेलन के दौरान कुछ द्विपक्षीय बैठकों में भी हिस्सा लेंगे और 23 अक्टूबर को नई दिल्ली लौट आएंगे।
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने यह भी जानकारी दी कि भारत और चीन के बीच लद्दाख सेक्टर के देपसांग और डेमचोक क्षेत्रों में गश्त को लेकर एक समझौता हुआ है। उन्होंने बताया कि यह समझौता कई हफ्तों की बातचीत के बाद संभव हुआ है और इससे 2020 में सीमा विवाद से उत्पन्न मुद्दों का समाधान किया जा रहा है।